कॉमेडी की फैक्ट्री ब्रेन की चाबी
जवानी में नांरी से बुढ़ापे में बीमारी से बच गए तो सन्त बन जाओगे।


■ जिस देश में एक बीड़ी से 5 लोग पीते हों उस देश की एकता अखंडता को कोई खतरा हो ही नहीं सकता
अहीर, गड़रिया गुर्जर
अंजर (अस्त्र वाले)
कंजर,बंदर
ये दुनिया में न होते तो लोग खोल किवरिया सोते।
सरकारी अस्पताल
जान से जाना
प्राईवेट हॉस्पिटल
जमीन जायदाद से जाना
हम पानी इसलिए पीते हैं क्योंकि हम खा नहीं सकते
बारिश का मौसम-
झमाझम बारिश का मौसम और
फर्क हालातों का...!
रईस को मस्ती सूझ रही है और गरीब की बस्ती डूब रही है...!!
गणितज्ञ पत्नी के बालों की तरफ करते हुए बोला....
यह काली घटा- सौन्दर्य की जमा पूंजी है
पत्नी चिढ़कर बोली आपको हमेशा
जमा-घटा की बाते ही सूझती है।
विवाह अब मन से मन का मिलन नहीं रहा
क्यों की अब सेर, छटांक, मन का युग खत्म हो गया है।
दो मन मिलें तो क्या होता है
गणितज्ञ ने लिखा की
अस्सी सेर या ब्याह होता है।
पति में छोटी इ ओर पत्नी में बड़ी ई
यह भी अधिकारों का हनन है।
अपनी सीट रोकने के लिये लोग रूमाल रख के जाते हैं...
राहुल "बोरा" रख के गये है...
मोतीलाल
नारद मुनी हर जगह पहुंच नही पाते थे
इसलिये भगवान ने रिश्तेदार बनाये
जीवन क्या है
■ जीवन की वास्तविकता बस इतनी सी है*
बचपन मे *होम वर्क* जवानी मे *होम लोन* और बुढापे में *होम अलोन*
अब बैठ कर करो अनुलोम विलोम
हुनर की बात है 'अशोक'
किसी का छिप जाता है
किसी का छप जाता है ।
बेटा तो बहुत सीधा है
सारी पट्टी तो 'बहू' ही पढ़ाती है।
बेटो को पट्टी पढ़ाने वाली ऐसी
असंख्य 'शिक्षिकाओं' को
शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।

व्यंग्य की बारात – अशोक के तीर-ए-नुकीले
🌱 जवानी और बुढ़ापा
- जवानी में नारी से और बुढ़ापे में बीमारी से बच गए…
- तो निश्चित मानो, आप संत बन जाओगे।
🚬 बीड़ी और अखंडता
- जिस देश में एक बीड़ी पाँच लोग मिलकर पीते हों,
- उस देश की एकता-अखंडता को कोई खतरा नहीं हो सकता।
🐒 समाज की नस्लें
- अहीर, गड़रिया, गुर्जर, अंजर (अस्त्र वाले), कंजर और बंदर…
- ये दुनिया में न होते तो लोग चैन से किवरिया खोलकर सोते।
🏥 अस्पतालों का गणित
- सरकारी अस्पताल = जान से जाना
- प्राइवेट हॉस्पिटल = जमीन-जायदाद से जाना
💧 पानी क्यों पीते हैं?
- हम पानी इसलिए पीते हैं… क्योंकि उसे खा नहीं सकते।
🌧️ बारिश का मौसम
- झमाझम बारिश का मौसम और फर्क हालातों का…
- अमीर की मस्ती सूख रही है, गरीब की बस्ती डूब रही है।
➗ गणितज्ञ और पत्नी
पति (गणितज्ञ): “ये काले बाल सौन्दर्य की जमा पूँजी हैं।”
पत्नी (चिढ़कर): “आपको हमेशा जमा-घटा की बातें ही सूझती हैं।”
- विवाह अब मन से मन का मिलन नहीं रहा,
- क्योंकि अब सेर, छटांक, मन का युग खत्म हो गया है।
- दो मन मिलें तो क्या होता है?
- गणितज्ञ ने लिखा – “अस्सी सेर यानी ब्याह होता है।”
- पति में छोटी इ और पत्नी में बड़ी ई — यह भी अधिकारों का हनन है।
🪑 सीट रोकने का जुगाड़
- लोग सीट रोकने के लिए रूमाल रखते हैं…
- राहुल बोरा रखकर गया है। — मोतीलाल
👪 रिश्तेदारों का कारण
- नारद मुनी हर जगह पहुँच नहीं पाते थे,
- इसलिए भगवान ने रिश्तेदार बनाए।
🏡 जीवन की परिभाषा
- बचपन = होमवर्क
- जवानी = होम लोन
- बुढ़ापा = होम अलोन
- और फिर बैठकर करो… अनुलोम-विलोम।
🎨 हुनर और अशोक
- हुनर की बात है, अशोक…
- किसी का छिप जाता है, किसी का छप जाता है।
👩🏫 बहू की शिक्षा
- बेटा तो बहुत सीधा है, सारी पट्टी तो बहू ही पढ़ाती है।
- ऐसे असंख्य शिक्षिकाओं को—
- शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई।
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