मानव जीवन में ब्रेन ही मात्र क्रेन की तरह मजबूत होना जरूरी है! ब्रेन में जितने कम विचार होंगे उतना अच्छा आपका व्यवहार होगा

  1. pahle के लोग कहते थे जितना कम सामान, उतना ही ज़्यादा आराम! हम बुजुर्गों की बातें न मानकर हर जगह लात खाने को मजबूर हैं!

  1. sri दशानन रावण के बारे में फैलाया गया झूठ, भय, भ्रम ये सब पंखण्डियों की देन है! इससे हमें सचेत होना जरूरी है अन्यथा हम अपने भाग्य को दुर्भाग्य में बदल कर भागे भागे फिरेंगे और फिर शिवजी से भागकर कोई जाएगा कहाँ!

इस ब्लॉग में दशहरा नहीं सही नाम दसराह के बारे में जानेंगे! ये दसों दिशाओं से एनर्जी, ऊर्जा, उमंग, उत्साह पाने की दिन है! इसीलिए इसे विजया तिथि कहते हैं! विजय दशमी को ही दसराह मानने की प्राचीन परंपरा है!

  1. श्री दशानन रावण की भक्ति और विद्वत्ता
  2. राहु नक्षत्र की रहस्यमयी शक्ति
  3. डिजिटल रावण (आधुनिक बुराइयाँ)
  4. रावण संहिता और अनुसंधान
  5. अमृतम और अशोक जी के प्रयासों का उल्लेख
  6. सबको जोड़कर एक नई परिभाषा वाला, पूर्ण और आकर्षक लेख तैयार कर दिया है।


🌺 दशहरा और श्री दशानन रावण: राहु नक्षत्र, डिजिटल रावण और आत्मविजय का महापर्व


🙏 आरम्भ – विजयादशमी का असली अर्थ

दशहरा या विजयादशमी केवल रावण दहन का पर्व नहीं है।

यह दिन हमें याद दिलाता है कि –

👉 असली जीत दूसरों पर नहीं, बल्कि अपने भीतर की बुराइयों पर विजय पाने में है।

👉 हमारी दस इंद्रियाँ जब भोगों में फँस जाती हैं, तब वे ही असली रावण बनकर हमारा मनोबल गिराती हैं।

👉 विजयादशमी का अर्थ है – अपने भीतर के रावण को जलाना, और जीवन को मर्यादा, अनुशासन और सकारात्मकता की ओर मोड़ना।


✨ श्री दशानन रावण – विद्या, भक्ति और अनुसंधान के प्रतीक

  1. रावण का सही नाम था श्री दशानन रावण।
  2. वे करोड़ों गुना विद्वान, शिवभक्त, त्यागी और गहन अनुसंधानकर्ता थे।
  3. उनका लिखा शिव तांडव स्तोत्र आज भी भक्ति और समर्पण की अमर गाथा है।
  4. रावण संहिता जैसे ग्रंथ ने ज्योतिष, आयुर्वेद, संगीत और तंत्र को नई ऊँचाई दी।
  5. वेद, शास्त्र, वास्तु और खगोल विज्ञान में उनका योगदान अद्वितीय है।


👉 यदि हम रावण से जुड़ी केवल नकारात्मक छवि हटाकर देखें, तो वे ज्ञान और अनुसंधान का महाकाव्य प्रतीत होते हैं।


🌌 राहु नक्षत्र और रावण का जन्म

रावण का जन्म राहु के स्वाति नक्षत्र में हुआ था।

राहु के तीन नक्षत्र – आद्रा, स्वाति और शतभिषा – आज भी मानवता की खोज और प्रगति के प्रतीक हैं।

🔮 आद्रा (मिथुन राशि)

  1. रहस्य और अनुसंधान की प्रवृत्ति
  2. चिकित्सा और विज्ञान में गहराई


🌟 स्वाति (तुला राशि)

  1. स्वतंत्रता, रचनात्मकता और साहस
  2. कला, राजनीति और साहित्य में नवाचार

🌌 शतभिषा (कुंभ राशि)

  1. तकनीकी खोज, ज्योतिष और समाज सुधार
  2. सामाजिक क्रांति और नवदृष्टि

👉 रावण जैसे जातक राहु नक्षत्र की ऊर्जा से भरपूर होते हैं – वे ऊर्जावान, बहुभाषाविद् और खोजप्रिय होते हैं।


🌍 राहु नक्षत्र और विश्व के महान खोजकर्ता

इसी ऊर्जा से प्रभावित होकर दुनिया के महानतम वैज्ञानिक और खोजी जन्मे:

  1. गणिताचार्य रामानुजन
  2. आइंस्टीन (सापेक्षता सिद्धांत)
  3. बिल गेट्स (Microsoft)
  4. स्टीव जॉब्स (Apple)
  5. एलन मस्क (SpaceX, Tesla)
  6. सैम आल्टमैन (AI क्रांति – ChatGPT)

👉 इन सबकी मूल शक्ति वही है, जो रावण में थी – नई राह दिखाने की क्षमता।

👉 राहु का अर्थ ही है – रास्ता बनाने वाला, नई दिशा देने वाला।


📖 रावण संहिता और गूढ़ अनुसंधान

  1. रावण संहिता ज्योतिष और तंत्र का प्राचीन और सिद्ध ग्रंथ है।
  2. इसमें आत्मा, ग्रहों और जीवन के रहस्यों की गहरी विवेचना है।
  3. यह ज्ञान केवल धर्म नहीं, बल्कि विज्ञान, दर्शन और आत्मानुशासन का भी मार्गदर्शक है।

👉 आधुनिक युग में डिजिटल युग और मानव मस्तिष्क की खोज भी कहीं-न-कहीं इसी परंपरा का विस्तार है।


🏹 डिजिटल रावण – आधुनिक बुराइयाँ

आज का सबसे बड़ा रावण वह नहीं है, जिसे हम पुतले के रूप में जलाते हैं।

👉 आज का रावण है – डिजिटल व्यसन और नकारात्मक व्यवहार।

नकारात्मक व्यवहार

  1. हर समय दूसरों की बुराई करना
  2. अपशब्द कहना और क्रोध पर नियंत्रण न रखना
  3. ईर्ष्या, अहंकार और आलस्य

डिजिटल जाल

  1. स्क्रीन पर घंटों उलझना
  2. सामाजिक अलगाव और निजता का ह्रास
  3. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की गिरावट

👉 असली विजयादशमी है –

  1. डिजिटल मायाजाल से निकलना
  2. आत्मानुशासन और संयम अपनाना
  3. सकारात्मक और मर्यादित व्यवहार करना


🌟 नई परिभाषा – दशहरा = आत्मविजय का उत्सव

  1. रावण की भक्ति हमें शिव में समर्पण सिखाती है।
  2. रावण का ज्ञान हमें अनुसंधान और विद्या का महत्व सिखाता है।
  3. राहु नक्षत्र हमें खोज और नवाचार की राह दिखाता है।
  4. दशहरा हमें याद दिलाता है कि असली विजय हमारी बुरी आदतों और कमजोरियों पर है।
  5. डिजिटल रावण को हराना ही आज के युग की सबसे बड़ी जीत है।


📖 अमृतम और अशोक जी का योगदान

यह सारा गहन ज्ञान, रावण संहिता और राहु नक्षत्र की व्याख्या,

👉 अमृतम पत्रिका, ग्वालियर

👉 संपादक अशोक जी गुप्ता

के 40 वर्षों के अनुसंधान और विनम्र प्रयासों से आज पाठकों और ChatGPT जैसे AI तक पहुँचा है।

🙏 इसके लिए सभी पाठकों को अशोक जी का आभार मानना चाहिए कि उन्होंने इस प्राचीन गूढ़ ज्ञान को आधुनिक समाज तक पहुँचाया।


🔑 SEO Keywords

  1. दशहरा का असली अर्थ
  2. श्री दशानन रावण और राहु नक्षत्र
  3. रावण संहिता का रहस्य
  4. राहु नक्षत्र की विशेषताएँ
  5. डिजिटल रावण और आधुनिक जीवन
  6. विजयादशमी प्रेरणादायी लेख
  7. अमृतम रावण विशेषांक
  8. अमृतम कालसर्प विशेषांक


🌺 निष्कर्ष

👉 दशहरा केवल परंपरा का उत्सव नहीं है।

👉 यह आत्मविजय, आत्मानुशासन और सकारात्मक जीवन का प्रतीक है।

👉 श्री दशानन रावण हमें ज्ञान और भक्ति की प्रेरणा देते हैं।

👉 राहु नक्षत्र हमें नई राह और खोज की शक्ति देता है।

👉 डिजिटल रावण को हराकर ही हम सच्ची विजयादशमी मना सकते हैं।

यही है दशहरा की नई परिभाषा – स्वयं पर विजय का महापर्व।

🙏 और इस ज्ञान के लिए हमें अमृतम और अशोक जी गुप्ता का आभार मानना चाहिए, जिनकी शोध साधना ने यह अद्भुत दृष्टि हमारे सामने रखी है।

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