प्यार, मोहब्बत, इश्क़ और प्रेम के रहस्य
- एक जमाना था जब प्यार करने वालों को समाज ठुकरा देता था। लेकिन सच्चे आशिक प्रेम को नहीं ठुकराते थे। एक आंदोलन के तहत तय हुआ कि-
- उल्फत में जमाने की हर रस्म को ठुकराओ।
इस पर महान कलाकार किशोर कुमार ने एक गीत भी गाया-

इश्क-मोहब्बत, प्यार-प्रेम, उल्फत ये सब आफत की तरह होने की वजह से ईश्वर ने इन शब्दों को आधा-अधूरा बनाया। क्योंकि इनके अर्थ भी अनर्थ हैं-
प्रेमिका गरीबी, मुसीबत, परेशानियों में रह सकती है। लेकिन बिना लड़े नहीं। इसीलिए ये शब्द अधूरे हैं।
प्यार में जल्दी हथियार तैयार होने से इसे प्यार कहते हैं। प्यार में पलंग पाने की ज्यादा इच्छा रहती है। कुँवार के महीने तो प्यार में बहुत सार आने लगता है।
कुँवार का मौसम प्यार की खुमार बढ़ा देता है। प्यार की ठंडक से ठंडी बियार से मन प्रसन्न हो जाता है।
प्यार में दोनों तरफ से आग लगी होती है। प्रेम-मोहब्बत में नहीं। प्यार में अक्सर धोखा भी होता है-
तवायफ से पूछी, जब वजह जिस्मफरोशी की।
बोली, प्यार पर एतवार कर - घर से भागी थी।
प्रेम शब्द सही मायने समर्पण है, जो अब है नहीं। दर्पण-दिखावे ने प्रेम के कंकड़ पड़ चुके हैं।
प्रेम के लिए कहा गया कि-"ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो…पण्डित होए।" पहले प्रेम होते ही प्रेमपत्र लिखे जाते थे, जिसे बेलपत्र जैसा पवित्र मानते थे।
हमारी हिंदी प्रेमपत्र लिखने से ही ठीक हुई। लवलेटर पढ़कर दोस्त दाद देते थे।
धीरे-धीरे हमने इसे कारोबार बना लिया। एक प्रेमपत्र लिखने का दोस्तों से 5/- रुपये लेते और दिन भर में 3 से 4 लिख दिए। इसी से गरीबी के दौर में पढ़ाई-लिखाई, घूमने, खर्चे , कपड़े आदि का शौक पूरा हुआ।
प्रथम प्रेमपत्र के कुछ अंश देखें-
- किस नाम से सम्बोधन करें- हे तुम्हे जिंदगी…..! बहुत कुछ कहना है और कह पाना मुश्किल सा है!
- शायद यही कारण है कि अभिव्यक्ति के लिए कागज-कलम से बेहतर साधन नहीं खोज पाया!

- हे प्रेम की प्रतिमा!…आपकी अतुल्य और अदभुत सुंदरता पर ह्रदय से पूर्ण रूपेण मोहित हूँ ! आप हमारे अंतरात्मा में वास करें और कोई किराया या शुल्क न दें।
- जब भी हम आपको प्रातःकाल बालों में amrutam कुन्तल केयर स्पा लगाकर,
- छत पर केश राशि को संवारते देखते हैं, तो मेरे कोमल हृदय में प्रेम क़ी भगीरथी उमड़ पड़ती है !
- कुछ समय से ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं आप न मिले, तो हमारी अर्थी जल्दी निकल जाएगी।
आग बहती है यहां गंगा में, झेलम में भी
कोई बतलाए कहां जाके नहाया जाए।
- आपको देखने के उपरांत मेरा मन मस्तिष्क और काया का अंग-अंग स्तब्ध होकर निष्क्रिय से हो जाते है !
- प्यार करने से नहीं बल्कि हो ही जाता है चाहे किसी से भी हो जाए, तभी तो जब से आपको देखा है तब से पहलू में दिल बेचैन है,मैं स्वयं भी समझने में असमर्थ हूं क्योंकि-
दिल आ गया तुम पर, दिल ही तो है।
तड़पे क्यों न, बिसमिल ही तो है।।
- आपको स्पर्श करने की अत्यन्त अधीर कामना है। आपके स्पंदन से ह्रदय में चल रहे- दे दनादन की ध्वनि शांत हो जाएगी।
- आज तक हजारों हसीना मेरे नयनों के आगे गुज़रे होंगे परन्तु ईश्वर ने आपकी अदा ही निराली प्रदत्त की है। जिसने मुझे दीवाना बना दिया।
देखा जो हुश्न आपका, तबियत मचल गई।
आँखों का था कसूर, छुरी दिल में चल गई।।
- हे कामायनी!….आपकी मनमोहक अलंकारों और प्रतिक्रियाओं से मेरा मन अत्यधिक विचलित सा हो गया है ! मैं ना भोजन ग्रहण कर पाता हूँ और ना ही भरपूर निद्रा !
- अगर आपके सुकोमल हृदय में भी मेरे प्रति अनुराग उत्पन्न हो रहा हो, तो मुझे सांयकाल नजदीकी उद्यान में भेंट करने व दर्शन क़ी अनुमति देवें !
- मैं आपको सप्रेम पुष्प गुच्छ अर्पण करके अपने प्रेम क़ी पहली सीढ़ी चढ़ना चाहता हूँ !
- अगर आपको अल्पाहार भी करना हो, तो हम शंकर नाश्ता भंडार पर जाकर कचौरी और जलेबी का आनंद भी उठा सकते है ..
- अपना प्रेम सच्चा और वास्तविक प्रेम के लिए इतिहास में जाना जायेगा ! हमारा प्रेम आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय रहेगा ..शेषकुशल!!..
- मात्र आपका ..आपके प्रेम में जल्दी ही फ्रेम में टँगने वाला प्रेमी।
- दुनिया में दर्द भरे गीतों की खोज प्रेम की वजह से ही हुई। प्रेम में पागल हर प्रेमी ने कोई भी लड़की न पटाई हो लेकिन रात को इतने दर्द भरे गाने सुनकर उसे ऐसा लगता है, कि 4/5 छोड़कर चली गई हों।
- एक तरफा प्रेमी आशिकों की हालत कुछ ऐसी रहती है कि- वो मिली भी भंडारे में बाल्टी पकड़े हुए, फिर उनसे दिल मांगते या दाल….
- खाँसी-दस्त एक साथ लगना…इश्क सबसे खराब चीज है। इसमें लड़की पटती नहीं और खर्चा पूरा करा लेती है।
- एक तरह से प्रेमी की हालत ऐसी हो जाती है कि उसे खांसी और दस्त एक साथ आते हैं फिर वो सोचता है कि ये आने अच्छा है मौत आना।
इश्क और पर्सनल लोन मुश्किल से मिलता है।
- इश्क में सभी का सिक्स नहीं लगता और ना ही इश्क में कुछ फिक्स होता है।
होंठों पर उदासी और आंखों में जो नमी है।
दूध पी लिया करो, केल्शियम की कमी है।।
- इश्क में आंखे नहीं खुलती…..हर चीज का जिम्मेदार इश्क नहीं होता। अपने शरीर की सुरक्षा स्वयं करें। इंसान की आंखे तभी खुलती हैं, जब वो सोकर उठता है। इश्क से दिमाग तेज नहीं होगा। कुछ कॉमनसेंस आप भी लगाएं।
- 17 साल की लड़की को इश्क हुआ…., तो वह शरीर व रहन-सहन, मेकअप पर बहुत ध्यान देने लगी। एक दिन डॉ के पास जाकर बोली….
- मेरी स्किन बहुत सॉफ्ट और सेंसेटिव है। मेरा रंग भी बहुत गौरा है। मैं रात को क्या लगाकर सोया करूँ-, डॉक्टर बोला…. मेडम दरवाजे की कुंडी लगाकर सोया करो।
- मनोरंजन का साधन…मोहब्बत का मारा एक मर्द शादी के बाद ससुराल गया। 3–4 दिन बोर होने के बाद गाँव की चौपाल पर उसने लोगों से पूछा? यहां पर एन्जॉय या मनोरंजन का क्या साधन है। गाँव वाले बोले एक ही चीज थी, वो आप ले गए।
- मोह-माया, मुरब्बत, मोहब्बत की कोई उम्र नहीं होती। यह किसी भी आयु में हो सकता है।
- एक ढ़ीला पति दोस्तों के सामने पत्नी की तारीफ करते हुए बता रहा था कि मेरी बीबी बहुत मजाकिया है।
- मैंने उसकी आँखों पर हाथ रखकर पूछा?.. बता कौन …?, तो बोली दूध वाला।
साड़ी वाले का सिरदर्द….नई-नई मोहब्बत में मेहबूब ने अपनी महबूबा को साड़ी के लिए पैसे दिए। बोला अपनी पसंद की ले आना।
- साड़ी की दुकान पर 100 रुपये कम पड़ गए, तो वह दुकानदार से रेट कम करने की जिद्द करने लगी।
- दुकानदार बोला…. मेडम साड़ी का धन्धा बहुत खराब है, बस, समय और शरीर खराब करने के लिए कर रहे हैं-
- महिला बोली,,- ऐसा क्यों कहा रहे हो!
- साड़ी वाला बोला….! मेडम, :- हमें साड़ी में तो कुछ मिलता नहीं है, पेटीकोट में गांठ का जाता है और ब्लाउज में 2 मिल भी जाते हैं। कृपया इसे पुनः पढ़ें।
- मोहब्बत में चर्चे और खर्चे बहुत होते हैं। यह बिना पर्चे (प्रेमपत्र) के भी हो जाती है।
- मोहब्बत में मर मिटने और पिटने वाले काम नहीं होते।
- जब शादी के लिए राजी हो गए. लड़की से मेहबूब ने पूछा..? अब कैसे मान गए तुम्हारे घरवाले, शादी के लिए।
- सौभाग्यशाली प्रेमी… यदि कोई लड़की आपको घांस न डाले, तो आप निराश न हों- स्वाभिमानी होकर सोचें… आप इंसान हैं, गधे नहीं। और लड़कियों को आप घांस भूलकर भी न डाले अन्यथा गाय-भैंस, पशु क्या खाएंगे।
लड़की बोली- मम्मी ने पूछा…? लड़का क्या कर रहा है!!! हमने बता दिया वो रोज पेट के अंदर लात मार रहा है, बस सुनते ही घरवाले तैयार हो गए।
- उल्फत तो आफत है। उल्फत में जीते-जी और मरने के बाद भी ओरतें जेब खाली करवा लेती हैं। कंजूस आदमी को उल्फत की उलझनों में नहीं उलझना चाहिए।
- उल्फत वो चीज है कि मरने के बाद भी जेब खाली करवा लेती है। आगरा का ताजमहल इसका साक्षात उदाहरण है।
- गणित के विधार्थी उल्फत में हमेशा मात खजाते हैं क्योंकि उन्हें प्रपोज करना नहीं सपोज सिखाया जाता है। जैसे मां लो कि वो मेरी है…
- अभी बहुत मसाला है, लेकिन क्या करें साला.. समय की बहुत समस्या है। अच्छा लगे, तो बताना और भी आगे लिख देंगे। इस पर तो हमारे मित्रों ने पदम् प्रदूषण, वीर्य चक्र आदि अवार्ड से सम्मानित किया है।
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