व्याधि क्या है? जानिए कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार 🌿

  1. प्राचीनकाल में सब प्रार्थना करते थे कि भगवान सभी को आधि-व्याधि से बचाए! क्योंकि जीवन की बर्बादी में इनकी विशेष भूमिका होती है!

  1. भारत के बहुत से लोग नहीं जानते कि व्याधि और आधि में क्या अंतर है! सरल भाषा में व्याधि देह में होती है और आधि मस्तिष्क में होती है!

व्याधि क्या है? जानिए कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार 🌿

📖 व्याधि का अर्थ


व्याधि का अर्थ है शारीरिक कष्ट या रोग।

संस्कृत सूत्र कहता है –

“शरीरमाघम खलु धर्म साधनम”

  1. अर्थात शरीर ही धर्म का साधन है। इसलिए व्याधि (रोग) से बड़ी बाधा संसार में दूसरी कोई नहीं।


  1. महाकवि कालिदास (उत्तर कालामृत) और स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है कि –

👉 “स्वस्थ शरीर से ही तकदीर बनती है।”


⚡ व्याधि के प्रमुख कारण – आयुर्वेद दृष्टि से


आयुर्वेदिक ग्रंथ चक्रदत्त में बताया गया है कि

  1. वात, पित्त और कफ (त्रिदोष) के असंतुलन से व्याधि उत्पन्न होती है।
  2. विशेषकर वात दोष को व्याधियों का मूल कारण माना गया है।

👉 वात विकार से शरीर इतना दुर्बल हो जाता है कि:

  1. नींद नहीं आती
  2. शरीर कांपने लगता है
  3. थायराइड, सूजन, पाचन समस्या, गैस्ट्रिक, एसिडिटी
  4. समय से पहले बुढ़ापा
  5. हृदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, लिवर की खराबी, किडनी स्टोन, हड्डियों की कमजोरी
  6. जैसी बीमारियाँ जन्म लेती हैं।


🌿 अमृतम का समाधान – 35 वर्षों का शोध

अमृतम आयुर्वेद ने 35 साल के अनुसंधान और आयुर्वेदाचार्यों की सलाह से

वातरोग नाशक औषधियों का निर्माण किया है।

🔸 1. ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल

  1. स्वर्ण भस्म, रसराज रस, योगेंद्र रस, अश्वगंधा, शिलाजीत, तुलसी रस आदि
  2. 88 प्रकार के वात विकारों पर प्रभावी
  3. थायराइड और पुरुष स्वास्थ्य समस्याओं पर लाभकारी
  4. सेवन विधि: सुबह खाली पेट 1 कैप्सूल गुनगुने दूध के साथ


🔸 2. ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट

  1. आँवला मुरब्बा, सेव मुरब्बा, गुलकंद व 45 औषधीय जड़ीबूटियाँ
  2. पेट के वात-विकार और पाचन तंत्र को संतुलित करता है
  3. इम्यूनिटी और ऊर्जा बढ़ाता है
  4. लिवर को स्वस्थ रखता है


🔸 3. ऑर्थोकी पाउडर

  1. यूरिक एसिड कम करता है
  2. शरीर की कंपकंपी (tremors) दूर करता है


🔸 4. ऑर्थोकी पेन ऑयल

  1. दर्द वाले स्थान पर मालिश हेतु उत्तम
  2. जोड़ों के दर्द, अकड़न और सूजन में आराम देता है


🌟 निष्कर्ष

👉 व्याधि (रोग) जीवन की सबसे बड़ी बाधा है।

👉 आयुर्वेद में इसका मूल कारण वात दोष बताया गया है।

👉 ऑर्थोकी हर्बल बास्केट – कैप्सूल, माल्ट, पाउडर और ऑयल –

88 प्रकार के वात विकारों और थायराइड जैसी गंभीर बीमारियों का असरदार समाधान है।

3 माह तक निरंतर सेवन से व्याधियाँ जड़ से मिट सकती हैं और तन-मन-आत्मा पवित्र व स्वस्थ हो जाते हैं।

1. व्याधि क्या है?

👉 व्याधि का अर्थ है शारीरिक कष्ट या रोग। मस्तिष्क को छोड़कर शरीर के सभी अंगों में होने वाली बीमारियों को व्याधि कहते हैं।

2. व्याधि के मुख्य कारण क्या हैं?

👉 आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ (त्रिदोष) का असंतुलन व्याधियों का मुख्य कारण है। विशेषकर वात दोष सभी व्याधियों की जड़ माना गया है।

3. व्याधि से कौन-कौन सी बीमारियाँ होती हैं?

👉 थायराइड, मधुमेह, हृदय रोग, पाचन विकार, लिवर की खराबी, किडनी स्टोन, हड्डियों की कमजोरी, दमा, त्वचा रोग, बवासीर, और समय से पहले बुढ़ापा।


4. व्याधि का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

👉 आयुर्वेद में देशी जड़ी-बूटियों और हर्बल औषधियों से वात, पित्त, कफ को संतुलित कर व्याधियों का इलाज किया जाता है।

5. अमृतम ऑर्थोकी उत्पाद व्याधि में कैसे मदद करते हैं?

👉 ऑर्थोकी कैप्सूल, माल्ट, पाउडर और ऑयल – ये 88 प्रकार के वात विकारों पर असरदार हैं। थायराइड, गैस, जोड़ों का दर्द, कमजोरी और पाचन रोगों को दूर करने में सहायक हैं।

6. ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल कैसे लें?

👉 सुबह खाली पेट गुनगुने दूध के साथ 1 कैप्सूल लें। लगातार 1 माह सेवन करने से लाभ दिखने लगता है।

7. व्याधि से बचाव कैसे करें?

👉 नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, समय पर नींद, तनाव से दूरी और आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन व्याधियों से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है।




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