तन हितकारी संयोग – आयुर्वेद के अनुसार भोजन को शीघ्र पचाने का रहस्य
नई जानकारी इस आर्टिकल में पढ़ें
- हितकारी संयोग
- आयुर्वेदिक पाचन नियम
- दूध कब और कैसे पिएँ
- पाचन शक्ति बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय
- Keyliv Strong Syrup benefits
- अमृतम पत्रिका आरोग्य अंक

आयुर्वेद हजारों वर्षों से हमें सिखाता आया है कि भोजन केवल पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि शरीर और मन को स्वस्थ रखने का साधन है।
कई बार हम जो खाते हैं वह अकेले शरीर को पूरी तरह पच नहीं पाता, लेकिन यदि वही पदार्थ किसी अन्य आहार के साथ लिया जाए तो आसानी से पच जाता है।
इन्हीं को हितकारी संयोग (Food Combinations for Digestion) कहा गया है।
अमृतम पत्रिका, ग्वालियर द्वारा प्रकाशित आरोग्य अंक में वर्णन है कि यदि इन नियमों को अपनाया जाए तो कभी भी पाचन संबंधी समस्या नहीं होगी और जीवनभर स्वास्थ्य बना रहेगा।
दूध और पाचन का रहस्य
बहुत से लोगों को दूध पचता नहीं।
👉 ऐसे में दूध के साथ मूंग की दाल का यूष (सूप) लेना विशेष लाभकारी होता है।
लेकिन दूध के साथ अन्य किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन अहितकारी माना गया है।
आयुर्वेद में वर्णित प्रमुख हितकारी संयोग
- उड़द दाल – छाछ, खांड या गुड़ के साथ
- चना – मूली के साथ
- मूंग – आंवला के साथ
- अरहर दाल – कांजी बड़ा या उसका पानी
- गेहूं – ककड़ी के साथ
- मक्का – अजवायन के साथ
- गेहूं से बने पिष्टान्न (बड़े आदि) – शीतल जल या नीम की जड़ के साथ
- दूध – मूंग दाल का सूप
- घी – जम्बीरी नींबू रस के साथ
- आम – दूध के साथ
- केला – यदि न पचे तो देशी घी के साथ
- नारंगी – गुड़ के साथ
- जम्बीरी नींबू – नमक के साथ
- आलू – चावल का पानी (तण्डुलोदक)
- जिमीकंद (सूरण) – गुड़ के साथ
- मिश्री – सौंठ (मधुमेह में भी उपयोगी)
- गुड़ – सौंठ और नागरमोथा के साथ
- गन्ना (ईख) – अदरक के साथ
- खिचड़ी – सेंधा नमक के साथ
सेंधा नमक बनाम साधारण नमक
कई लोग सोचते हैं कि केवल सेंधा नमक ही सर्वोत्तम है, लेकिन यह सत्य नहीं है।
👉 सेंधा नमक वास्तव में एंटीऑक्सीडेंट है और इसे व्रत/उपवास में ही लेना चाहिए।
👉 यदि साधारण नमक का सेवन पूरी तरह बंद कर दिया जाए तो त्वचा रोग और सोरायसिस जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
भोजन से पहले आयुर्वेदिक टॉनिक का महत्व
चरक संहिता और माधव निदान के अनुसार, भोजन से पहले शरीर को तैयार करने के लिए आयुर्वेदिक लिवर टॉनिक लेना चाहिए।
👉 कीलिव स्ट्रॉन्ग सिरप (Keyliv Strong Syrup) –
- इसमें त्रिफला, कालमेघ का रस, आंवला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा और गुलकंद शामिल हैं।
- यह लिवर को मजबूत करता है, पाचन को दुरुस्त करता है और नए रस, रक्त और वीर्य का निर्माण करता है।
- पूरा परिवार इसे भोजन से पहले एक गिलास पानी में 1 चम्मच मिलाकर ले सकता है।
👉 यह अमेज़न और Amrutam की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए सरल नियम
- अदरक, हल्दी, नीम, करेला, तुलसी, बेल, लौकी का रस आदि का सेवन हमेशा कम मात्रा में करें।
- मौसमी फल और सब्जियाँ प्राकृतिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
- भोजन हमेशा संयम और सही संयोजन के साथ करें।
निष्कर्ष
आयुर्वेद केवल बीमारियों का इलाज नहीं, बल्कि जीवन को स्वस्थ और दीर्घायु बनाने का मार्ग है।
हितकारी संयोग का पालन करके हम पाचन को उत्तम बना सकते हैं, शरीर को रोगों से बचा सकते हैं और जीवन को आनंदमय बना सकते हैं।
👉 याद रखें – “गलत संगति केवल मित्रता में ही नहीं, भोजन में भी नुकसान करती है।”
सही संयोजन से भोजन अमृत बन जाता है।
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