उपवास क्या है? व्रत क्यों करते हैं!

  1. व्रत और उपवास केवल धार्मिक आस्था नहीं है, बल्कि विज्ञान और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी है। प्राचीन आयुर्वेद और आधुनिक medical science दोनों इसकी पुष्टि करते हैं।


🔬 व्रत-उपवास का वैज्ञानिक आधार

  1. पाचन तंत्र को विश्राम
  2. रोज़ाना भोजन करते रहने से पाचन तंत्र लगातार कार्य करता है।

  1. उपवास के दिन यह तंत्र आराम करता है, जिससे digestive system की मरम्मत (repair) होती है।
  2. ऑटोफैजी (Autophagy)
  3. उपवास से शरीर autophagy प्रक्रिया शुरू करता है, जिसमें पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएँ नष्ट होकर नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।
  4. यह कैंसर, अल्ज़ाइमर, और बढ़ती उम्र की कई समस्याओं को रोकने में सहायक है।
  5. इंसुलिन और शुगर लेवल का संतुलन
  6. व्रत/फास्टिंग करने से insulin sensitivity बेहतर होती है।
  7. यह मधुमेह (डायबिटीज़) के रोगियों के लिए लाभकारी है।


वज़न नियंत्रण चर्बी मोटापा रुकना!
  1. उपवास के दौरान शरीर ऊर्जा के लिए stored fat का उपयोग करता है।
  2. इससे मोटापा और मेद-रोग नियंत्रित होते हैं।

मानसिक शांति और एकाग्रता

🌿 व्रत उपवास का वैज्ञानिक प्रभाव और शारीरिक लाभ | The Ayurvedic & Scientific Benefits of Fasting



  1. उपवास से मस्तिष्क में serotonin और dopamine जैसे हार्मोन संतुलित होते हैं।
  2. इससे तनाव घटता है और मन प्रसन्न व एकाग्र रहता है।

  1. हृदय स्वास्थ्य
  2. व्रत से cholesterol level घटता है।
  3. रक्तचाप (BP) नियंत्रित रहता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
  4. प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)
  5. उपवास से white blood cells सक्रिय होती हैं और शरीर की immune response बेहतर होती है।
  6. संक्रमण और मौसमी बीमारियों से रक्षा होती है।



🍎 व्रत-उपवास के शारीरिक लाभ


  1. पेट हल्का और साफ रहता है।
  2. शरीर की ऊर्जा कोशिकाएँ नई बनती हैं।
  3. टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) बाहर निकलते हैं।
  4. चमकदार त्वचा और दमकता चेहरा मिलता है।
  5. बुढ़ापा देर से आता है (anti-aging effect)।
  6. अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और तनाव दूर होता है।
  7. आयु लंबी और जीवनशक्ति प्रबल होती है।


✅ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उपवास रखने के तरीके

  1. Water fasting (केवल पानी) – शरीर को गहराई से detox करता है।
  2. Fruit fasting (फल/फ्रूट जूस) – हल्का और पौष्टिक उपवास।
  3. Intermittent fasting (16:8, 5:2 पैटर्न) – आजकल वैज्ञानिक रूप से सबसे लोकप्रिय है।
  4. Ayurvedic fasting – मौसमी फल, फलाहार, मुनक्का, नींबू-पानी आदि।


✨ इस प्रकार, व्रत-उपवास धार्मिक कर्तव्य ही नहीं बल्कि एक प्राकृतिक चिकित्सा और preventive healthcare है।

🌸 निष्कर्ष

व्रत और उपवास केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि शरीर और मन को स्वस्थ रखने की एक प्राकृतिक चिकित्सा (Natural Therapy) है।

यह पाचन शक्ति को संतुलित करता है, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और हमें तन-मन से प्रसन्न रखता है।



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