उपवास क्या है? व्रत क्यों करते हैं!
- व्रत और उपवास केवल धार्मिक आस्था नहीं है, बल्कि विज्ञान और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी है। प्राचीन आयुर्वेद और आधुनिक medical science दोनों इसकी पुष्टि करते हैं।
🔬 व्रत-उपवास का वैज्ञानिक आधार
- पाचन तंत्र को विश्राम
- रोज़ाना भोजन करते रहने से पाचन तंत्र लगातार कार्य करता है।

- उपवास के दिन यह तंत्र आराम करता है, जिससे digestive system की मरम्मत (repair) होती है।
- ऑटोफैजी (Autophagy)
- उपवास से शरीर autophagy प्रक्रिया शुरू करता है, जिसमें पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएँ नष्ट होकर नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।
- यह कैंसर, अल्ज़ाइमर, और बढ़ती उम्र की कई समस्याओं को रोकने में सहायक है।
- इंसुलिन और शुगर लेवल का संतुलन
- व्रत/फास्टिंग करने से insulin sensitivity बेहतर होती है।
- यह मधुमेह (डायबिटीज़) के रोगियों के लिए लाभकारी है।

वज़न नियंत्रण चर्बी मोटापा रुकना!
- उपवास के दौरान शरीर ऊर्जा के लिए stored fat का उपयोग करता है।
- इससे मोटापा और मेद-रोग नियंत्रित होते हैं।
मानसिक शांति और एकाग्रता
🌿 व्रत उपवास का वैज्ञानिक प्रभाव और शारीरिक लाभ | The Ayurvedic & Scientific Benefits of Fasting
- उपवास से मस्तिष्क में serotonin और dopamine जैसे हार्मोन संतुलित होते हैं।
- इससे तनाव घटता है और मन प्रसन्न व एकाग्र रहता है।

- हृदय स्वास्थ्य
- व्रत से cholesterol level घटता है।
- रक्तचाप (BP) नियंत्रित रहता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
- प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)
- उपवास से white blood cells सक्रिय होती हैं और शरीर की immune response बेहतर होती है।
- संक्रमण और मौसमी बीमारियों से रक्षा होती है।

🍎 व्रत-उपवास के शारीरिक लाभ

- पेट हल्का और साफ रहता है।
- शरीर की ऊर्जा कोशिकाएँ नई बनती हैं।
- टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) बाहर निकलते हैं।
- चमकदार त्वचा और दमकता चेहरा मिलता है।
- बुढ़ापा देर से आता है (anti-aging effect)।
- अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और तनाव दूर होता है।
- आयु लंबी और जीवनशक्ति प्रबल होती है।
✅ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उपवास रखने के तरीके
- Water fasting (केवल पानी) – शरीर को गहराई से detox करता है।
- Fruit fasting (फल/फ्रूट जूस) – हल्का और पौष्टिक उपवास।
- Intermittent fasting (16:8, 5:2 पैटर्न) – आजकल वैज्ञानिक रूप से सबसे लोकप्रिय है।
- Ayurvedic fasting – मौसमी फल, फलाहार, मुनक्का, नींबू-पानी आदि।
✨ इस प्रकार, व्रत-उपवास धार्मिक कर्तव्य ही नहीं बल्कि एक प्राकृतिक चिकित्सा और preventive healthcare है।
🌸 निष्कर्ष
व्रत और उपवास केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि शरीर और मन को स्वस्थ रखने की एक प्राकृतिक चिकित्सा (Natural Therapy) है।
यह पाचन शक्ति को संतुलित करता है, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और हमें तन-मन से प्रसन्न रखता है।
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