- पहली बात तो रावण का सही नाम श्री दशानन रावण है! हमसे करोड़ों गुना ज्ञानी होने से सीधे रावण बोलना अनुचित होगा!
- अमृतम पत्रिका, ग्वालियर के संपादक अशोक गुप्ता का ये चालीस साल पुराना अनुसंधान अध्ययन के फलस्वरूप लेख प्रस्तुत है!

- मेरा विश्वास है कि श्री दशानन रावण के प्रति बुराई, दुर्भाव आदि का अपने मन हृदय से विकार निकालें, तो आपके जीवन की आधी समस्याएं स्वतः ही दूर हो जायेंगी!
- जानकर हरण हो जाएँगे कि रावण का जन्म राहु के स्वाति नक्षत्र में हुआ था! ये माहिष योनि देवगण का नक्षत्र तुला राशि के अंतर्गत आता है!
- राहु के तीन नक्षत्र आद्रा इनके अधिपति स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं! ये मिथुन राशि में पफ़्ता है! दूसरा स्वाति और तीसरा नक्षत्र शतभिषा है, जो कुंभ राशि में आता है!
- रावण सहिंता ज्योतिष का सिद्ध प्रसिद्ध और प्राचीन ग्रन्थ है, जिसे रावण ने आत्मा के आधार पर लिखा!
राहु नई रह दिखाने वाला ग्रह है
- संसार में पाताल, आकाश और प्रकृति-पार्थिव की सारी खोजें राहु से प्रभावित लोगों ने ही की!
राहु के नक्षत्र में ज्यादातर जातक बहुत ऊर्जावान और एनर्जी से भरे होते हैं!
सामान्यत दो से अधिक भाषाओं का ज्ञान होता है!
हर रोज, नई खोज में ही इनका दिमाग चलता है!
- दुनिया के अधिकांश वैज्ञानिक चाहें वो गणिताचार्य रामानुज, आइंस्टीन, बिलगेट्स, ai gtp की खोज करने वाले सैम आल्टमैन, स्टीवजॉब्स, एलनमस्क आदि अनेक खोजी लोग राहु के नक्षत्रों में ही पैदा हुआ!
- दशहरा के पर्व को केवल बुराइयों पर विजय तक सीमित न रखकर, रावण के ज्ञान, भक्ति, अनुसंधान और त्याग जैसे पहलुओं को भी जोड़ा गया है। यह संतुलित और आकर्षक ब्लॉग है! ज़रूर पढ़ें!
- ✨ दशहरा का असली संदेश: बुराइयों पर विजय और रावण की सीख
🔥 रावण: केवल बुराई का प्रतीक नहीं
अक्सर हम रावण को केवल बुराई का प्रतीक मानते हैं। परंतु इतिहास और पुराणों में उसका दूसरा पक्ष भी दर्ज है।
- रावण महान विद्वान, शिवभक्त, तपस्वी और संगीतज्ञ था। वह ज्योतिष, आयुर्वेद, राजनीति और विज्ञान का गहन ज्ञाता था।

- 👉 दशहरा हमें केवल रावण की बुराइयों को जलाने का संदेश नहीं देता, बल्कि उससे जुड़ी अच्छाइयों से सीखने का अवसर भी देता है।
रावण की शिव भक्ति और समर्पण
रावण महादेव का परम भक्त था।
- कैलाश पर्वत उठाने का साहस किया।
- महादेव को प्रसन्न करने के लिए उसने अपना सिर तक अर्पित कर दिया।
- उसका लिखा “शिव तांडव स्तोत्र” आज भी भक्ति और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण है।

👉 इससे हमें सीख मिलती है कि आस्था और समर्पण से ही ऊर्जा और बल प्राप्त होता है।
🔍 रावण का ज्ञान और अनुसंधान
- रावण ने आयुर्वेद, संगीत और ज्योतिष के कई ग्रंथ लिखे।
- वह नाड़ी विज्ञान और चिकित्सा का गहन शोधकर्ता था।
- उसके ग्रंथ आज भी भारत की चिकित्सा और विद्या का आधार हैं।
👉 दशहरे पर हमें यह सीखना चाहिए कि अनुसंधान और खोज जीवन को ऊँचाई देते हैं।
💡 रावण से मिलने वाली सकारात्मक सीख
- ज्ञान की प्यास: विद्या और अनुसंधान को जीवन का हिस्सा बनाइए।
- भक्ति और समर्पण: जीवन में लक्ष्य के प्रति समर्पित रहिए।
- त्याग और साहस: परिस्थितियाँ चाहे कठिन हों, हार मत मानिए।
- शक्ति का संतुलन: अहंकार न रखें, वरना शक्ति भी विनाश का कारण बन सकती है।
🌺 दशहरा दसराह का वास्तविक अर्थ
- सभी भारतीयों को दसराह के दिन, दसों दिसाओं से Raahuley oil का राहु काल में दस दीपक जलाकर ऊर्जा, उमंग, उत्साह पाने की करबद्ध प्रार्थना राहु रूप शिवजी से करना चाहिए!
- बुराइयों जैसे ईर्ष्या, क्रोध, आलस्य और नकारात्मकता का दहन कीजिए।
- साथ ही रावण की तरह ज्ञान, भक्ति, त्याग और अनुसंधान की भावना को अपनाइए।
- यही सच्चा दशहरा है — जब हम बुराइयों को हराकर अच्छाइयों को जीवन में उतारते हैं।

- दशहरा का महत्व
- रावण की शिव भक्ति
- रावण का ज्ञान और अनुसंधान
- विजयादशमी का संदेश
- बुराई और अच्छाई से सीख
- जानना हो, तो अमृतम रावण विशेषांक, अमृतम कालसर्प विशेषांक का अध्ययन करें
✍️ प्रेरणादायी स्लोगन

- “रावण को केवल जलाइए मत, उससे सीख भी लीजिए।”
- “सच्चा दशहरा है – जब मन की बुराई जलकर राख हो जाए।”
- “भक्ति, ज्ञान और त्याग – यही रावण की असली विरासत है।”
- “दशहरा हमें सिखाता है: बुराई को हराओ और अच्छाई को अपनाओ।”
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