पीलिया क्या है और उसका आयुर्वेदिक का इलाज भाग तीन
लिवर क्यों ज़रूरी है?
- यकृत (Liver) हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह
- पाचन को नियंत्रित करता है
- रक्त को शुद्ध करता है
- ऊर्जा का भंडारण करता है
- विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है
गलत खान-पान, दूषित जल, शराब और वायरल संक्रमण से लिवर पर दबाव बढ़ता है। परिणामस्वरूप पीलिया, हेपेटाइटिस, फैटी लिवर और पाचन समस्याएँ हो जाती हैं।
पीलिया के सर्वसाधारण प्रारंभिक लक्षण हैं -
- मंद ज्वर होना, गले की खराबी, जी मिचलाना, भोजन के प्रति अरुचि उत्पन्न होना और उल्टियां आना, इत्यादि
- पीलिया के अतिरिक्त सिर दर्द और शारीरिक वेदना हो सकती है। इन शिकायतों के तीन-चार दिन पश्चात मूत्र में पीलापन आ जाता है और आंखें पीली दिखायी पड़ने लगती हैं।
- सरजीकल जौडिस' में 'गालस्टोन' द्वारा बायल-डक्ट में रुकावट उत्पन्न हो जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप बायलीरुबिन नामक रंजक पदार्थ आंतों में नहीं पहुंच पाता।
- अतः ऐसी अवस्था में रोगी का मल 'श्वेत मिट्टी' के समान हो जाता है, जिसे अंगरेजी भाषा में 'क्ले कलर स्टूल' कहते हैं
- आयुर्वेदिक ग्रंथों के पढ़ने से इस बात से पता चलता है कि आयुर्वेद के मनीषियों ने इस रोग के लक्षणों का कितना बारीकी से अध्ययन किया होगा ।
- पीलिया के सर्वसाधारण प्रारंभिक लक्षण हैं - मंद ज्वर होना, गले की खराबी, जी मिचलाना, भोजन के प्रति अरुचि उत्पन्न होना और उल्टियां आना, इत्यादि!
- इसके अतिरिक्त सिर दर्द और शारीरिक वेदना हो सकती है। इन शिकायतों के तीन-चार दिन पश्चात मूत्र में पीलापन आ जाता है और आंखें पीली दिखायी पड़ने लगती हैं।
- कभी-कभी पेट के ऊपरी भा में दाहिनी ओर भारीपन अथवा पीड़ा अनुभव है सकती है और शरीर में बेचैनी बढ़ने लगती है
- रोग ज्यों-ज्यों बढ़ता जाता है, आंखों एवं मूत्र का पीलापन बढ़ता जाता है और मुंह के भीतर तालुओं पर पीलापन दिखायी देने लगता है। नाखून पीले पड़ जाते हैं और त्वचा का रंग पीला हो जाता है।
- सामान्य अवस्था में ये लक्षण प्रारंभ के तीन सप्ताह तक बढ़ते हैं, बाद में उनमें कमी होने लगती है और अगले दस-पंद्रह दिन में रोगी पूर्णरूप से स्वस्थ हो जाता है।
- अतः अन्य वायरस-जन्य रोगों की भांति यह बीमारी भी स्वयं समाप्त हो जाती है! लेकिन कुछ रोगियों में अन्यान्य विकारों के परिणाम-स्वरूप यह बीमारी कई महीनों तक चल सकती है और यकृतीय विकार बढ़ सकते हैं।
- कभी-कभी इस रोग के कारण यकृत बिगड़ता जाता है। अतः इस बीमारी के स्वयं सिकुड़ जाता है और रोगी का सामान्य स्वास्थ्य सीमित होने पर भी चिकित्सा एवं परहेज पर ध्यान विशेष देना चाहिए ।
आयुर्वेद में रोग का निदान

- Amrutam Keyliv Capsules are a one-stop herbal treatment for all liver-related disorders like hepatitis, cirrhosis, liver strengthening, and detoxification with no side effects and are diabetes-friendly.
- This ayurvedic medicinal remedy helps protect the liver from free-radical damage, enhances the liver's capacity, aids in producing proteins for blood plasma, and promotes cellular lifespan.
- Amrutam Keyliv Capsules और Keyliv Malt के फायदे, सेवन विधि और कैसे यह पीलिया, हेपेटाइटिस और फैटी लिवर जैसी समस्याओं में कारगर है।

| Primary Benefits | Helps in Treating Liver-Related Disorders like Hepatitis, Cirrhosis, Jaundice, and Fatty Liver, Strengthens the Liver, Aids in Detoxification |
| Secondary Benefits | Enhances the Liver's Capacity, Promotes Cellular Lifespan, Treats Bile-Related Conditions, Fights Inflammation |
| Dosage | Once a day on an empty stomach |
| Primary Ingredients | Kal Megh, Bhringraj, Dhania |
| Duration | 3-6 months minimum |
| For Best Results, use it with | Amrutam Keyliv Strong Syrup and Amrutam Keyliv Malt |
Amrutam Keyliv Capsules | Herbal Care For Liver Health And Detox

- 🌿 Amrutam Keyliv Malt – आयुर्वेदिक लिवर टॉनिक
Amrutam Keyliv Malt खासतौर पर लिवर को स्वस्थ और सक्रिय रखने के लिए तैयार किया गया हर्बल फार्मूला है।
✨ Keyliv के प्रमुख फायदे
- पीलिया, हेपेटाइटिस और फैटी लिवर में असरदार।
- रक्त को शुद्ध कर पीलापन दूर करता है।
- भूख और पाचन सुधारता है।
- लिवर की सूजन और कमजोरी दूर करता है।
- संक्रमण और विषैले पदार्थों से बचाव करता है।
👉 सेवन विधि – 1-2 चम्मच दिन में 2 बार सादे पानी या दूध के साथ।
🌿 Amrutam Keyliv Capsules – Herbal Care For Liver Health & Detox
Capsules लिवर को डिटॉक्स करने और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय है।
✨ प्रमुख फायदे
- Liver Detox – हानिकारक टॉक्सिन्स और विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है।
- Hepatitis & Jaundice Relief – वायरल संक्रमण से लिवर की रक्षा करता है।
- Fatty Liver Treatment – वसा जमाव को कम करके लिवर को हल्का और स्वस्थ बनाता है।
- Digestion Booster – पाचन को तेज करता है और अपच, गैस जैसी समस्याओं से राहत देता है।
- Immunity Enhancer – संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।
👉 सेवन विधि – 1-2 कैप्सूल दिन में 2 बार, भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ।
🏡 पीलिया और लिवर रोगों में घरेलू परहेज़
- हल्का सुपाच्य भोजन करें।
- गन्ने का रस, नारियल पानी और बेल शरबत लें।
- शराब, तंबाकू और मसालेदार भोजन से बचें।
- अधिक पानी पिएं और स्वच्छता का ध्यान रखें।
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