राहु-केतु के कष्टों से मुक्ति दिलायेगा
- 🐍 अमृतम कालसर्प विशेषांक!राहु-केतु, शनि और पितृदोष से मुक्ति का परम मार्ग
🌿 लेखन और लेखक का तप

- अमृतम कालसर्प विशेषांक का लेखन श्री अशोक गुप्ता द्वारा किया गया, जो २५ वर्षों की कठिन तपस्या, अध्ययन और अनुसंधान का परिणाम है।
- लेखक ने शिवजी के हजारों स्वयंभू शिवलिंगों के दर्शन और अनुभव के बाद इस विशेषांक की रचना की।
- इस साधना और अध्ययन के माध्यम से उन्होंने अपने कालसर्प और पितृदोष को मिटाया और विशाल सफलता, आध्यात्मिक ऊँचाइयाँ और समाजसेवा की दिशा प्राप्त की।
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अमृतम कालसर्प विशेषांक का उद्देश्य
- यह विशेषांक न केवल व्यक्तिगत मुक्ति का मार्ग है, बल्कि उन सभी पीड़ितों के लिए ज्ञान और प्रेरणा का भंडार है जो—

- कालसर्प दोष, पितृदोष, राहु-केतु या शनि के कारण परेशान हैं
- आर्थिक, मानसिक या पारिवारिक कष्ट झेल रहे हैं
- बार-बार असफलता और दुर्भाग्य का सामना कर रहे हैं
विशेषांक के माध्यम से—
- भ्रांतियों और अज्ञानता का नाश होता है
- धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य और सफलता-असफलता के विषय में सटीक दिशा मिलती है
- जीवन की उलझी हुई समस्याओं से मुक्ति संभव होती है
🌸 समाज-कल्याण और शिव-सेवा
इस विशेषांक से होने वाली आय का उपयोग जीर्ण-शीर्ण शिव मंदिरों के पुनरुद्धार और सेवा कार्यों में किया जाता है।
इस प्रकार यह केवल ज्ञान का भंडार नहीं, बल्कि शिव-यज्ञ और समाजसेवा का माध्यम भी है।
📖 लाभ और उपयोग
अमृतम कालसर्प विशेषांक पढ़ने और मनन करने से—
- कालसर्प दोष, पितृदोष और राहु-केतु के प्रभाव से मुक्ति मिलती है
- मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है
- आध्यात्मिक जागृति और जीवन में सफलता की दिशा मिलती है
🙏 प्रार्थना
- लेखक अशोक गुप्ता पूर्ण समर्पण भाव से प्रार्थना करते हैं कि—भगवान शिव की कृपा-दृष्टि हम सभी पर जन्म-जन्मान्तर तक बनी रहे।
“एकहि साधे, सब सधे।”
- अर्थात, एक निष्ठा, एक विश्वास और एक श्रद्धा से जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं।
- भगवान् शिव और भगवती की कृपा से पीड़ितों के जीवन में प्रकाश”
🌿 भगवन शिवा की भक्ति और दिव्य आशिर्वाद
दीन, दुखी और पीड़ित जीवों पर कृपा करने वाले भोलेनाथ को हमारा नमन।
- इस ग्रंथ के माध्यम से हम उन सभी पीड़ितों तक ज्ञान और आध्यात्मिक मार्गदर्शन पहुँचाना चाहते हैं जो कालसर्प, पितृदोष और राहु-केतु की पीड़ा झेल रहे हैं।
- हम भक्ति और श्रद्धा के साथ देवतात्मा पर्वतराज हिमालय की तपस्विनी पुत्री पार्वती, देवाधिदेव महादेव, सर्वसिद्धिदाता श्री गणेश, भगवान् कार्तिकेय, शिव वाहन नंदी नाथ, राधा-कृष्ण, व्यंकटेश श्री तिरुपति बालाजी और सांईनाथ को प्रणाम करते हैं।
- इन दिव्य शक्तियों की कृपा से यह विशेषांक सभी पीड़ितों को भगवान् से जोड़ने और उनके जीवन में उजाला फैलाने का माध्यम बनता है।
🐍 कालसर्प दोष और राहु-केतु के प्रभाव
कालसर्प दोष का मुख्य कारक राहु-केतु हैं।
इनकी अशुभ स्थिति से व्यक्ति के जीवन में निम्नलिखित परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं—
- आर्थिक और शारीरिक संकट
- मानसिक अशांति, भय, भ्रम और चिंता
- बार-बार असफलता और दुर्भाग्य
- परिवार, विवाह या शिक्षा में बाधाएँ
- स्वास्थ्य व दुर्घटना संबंधी समस्याएँ
यह विशेषांक इन सभी प्रभावों को समझने और दूर करने के लिए प्रमाणिक ज्ञान, उपाय और पूजा-विधान प्रदान करता है।
🌸 दिव्य मार्गदर्शन और समाधान
- भगवान शिव और आदिशक्ति माँ शिवा की कृपा से सभी कष्टों का निवारण संभव है।
- राहु-केतु के प्रभाव को कम करने हेतु सटीक उपाय, मंत्र, पूजा और ध्यान विधियाँ इस विशेषांक में समाहित हैं।
- अध्ययन और मनन करने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक जागृति प्राप्त होती है।
- यह ग्रंथ केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि शिव मंदिरों के पुनरुद्धार और समाजसेवा का भी माध्यम है।
🙏 निष्कर्ष
- अमृतम कालसर्प विशेषांक सभी पीड़ितों, दुःखी और असफल लोगों के लिए ज्ञान, भक्ति और भगवान् शिव की कृपा का अनुपम स्रोत है।
- इसका अध्ययन कर हम जीवन में सकारात्मक बदलाव, सफलता और आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।
- भोलेनाथ और आदिशक्ति माँ की कृपा से हर जीव उज्जवल जीवन पाए।
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