पंचमी और दशमी ये दोनों तिथियाँ विजयी तिथि कहलाती हैं! इन तिथि में की गई शुरुआत हमेशा अपार सफलता दिलाती है! जाने दसराह और राहु का रहस्य

🌺 श्री दशानन रावण और राहु नक्षत्र का रहस्य: दशहरा का असली अर्थ


🙏 रावण का सही परिचय

पहली बात तो यह समझना ज़रूरी है कि रावण का सही नाम श्री दशानन रावण है।

वो करोड़ों गुना विद्वान, महाशिवभक्त, त्यागी और अनुसंधानकर्ता थे। सीधे “रावण” कहना उनकी विद्वत्ता का अपमान है।

👉 अमृतम पत्रिका, ग्वालियर के संपादक अशोक गुप्ता के 40 वर्षों के अनुसंधान और अध्ययन से यह तथ्य सामने आया कि यदि हम श्री दशानन रावण के प्रति बुराई और दुर्भाव को हृदय से निकाल दें, तो हमारे जीवन की आधी समस्याएँ स्वतः दूर हो जाती हैं।


🌌 रावण का जन्म और राहु नक्षत्र


श्री दशानन रावण का जन्म राहु के स्वाति नक्षत्र में हुआ था। यह तुला राशि का नक्षत्र है और देवगण में माहिष योनि का है।

राहु के तीन प्रमुख नक्षत्र हैं –

1. आद्रा (मिथुन राशि)

  1. अधिपति: भगवान शिव
  2. गुण: रहस्यों की खोज, गहराई से जानने की प्रवृत्ति, जिज्ञासा
  3. जीवन क्षेत्र: विज्ञान, शोध, चिकित्सा, तंत्र


2. 

स्वाति (तुला राशि)

  1. गुण: स्वतंत्रता, तेज ऊर्जा, नवाचार और साहस
  2. जीवन क्षेत्र: कला, साहित्य, राजनीति, व्यापार, संगीत

3. 

शतभिषा (कुंभ राशि)

  1. गुण: रहस्यवाद, तकनीकी आविष्कार, सामाजिक क्रांति
  2. जीवन क्षेत्र: ज्योतिष, खगोल, विज्ञान, समाज सुधार

👉 यही कारण है कि राहु नक्षत्र वाले जातक अत्यधिक ऊर्जावान, बहुभाषाविद् और खोजप्रिय होते हैं।


🔬 राहु नक्षत्र और विश्व के महान खोजकर्ता

राहु के प्रभाव से जन्मे लोग दुनिया को नई दिशा देते हैं। यही वजह है कि कई महान वैज्ञानिक, दार्शनिक और इनोवेटर इन्हीं नक्षत्रों में पैदा हुए:

  1. गणिताचार्य श्रीनिवास रामानुजन
  2. आइंस्टीन – सापेक्षता सिद्धांत
  3. बिल गेट्स – माइक्रोसॉफ्ट
  4. स्टीव जॉब्स – एप्पल
  5. एलन मस्क – स्पेसएक्स और टेस्ला
  6. सैम आल्टमैन – AI (ChatGPT) क्रांति के जनक

👉 ये सभी व्यक्तित्व राहु नक्षत्र की नई राह दिखाने वाली ऊर्जा से प्रभावित रहे।


📖 रावण संहिता और अनुसंधान

  1. रावण संहिता ज्योतिष का प्राचीन ग्रंथ है, जिसे रावण ने आत्मा और ग्रहों के अनुभव पर लिखा।
  2. इसमें जन्मकुंडली, ग्रहदोष, और तंत्र साधना पर अद्वितीय ज्ञान मिलता है।
  3. रावण ने आयुर्वेद, संगीत, वास्तु, तंत्र और ज्योतिष में गहन योगदान दिया।
  4. उनका लिखा शिव तांडव स्तोत्र आज भी भक्ति और समर्पण का अनुपम उदाहरण है।

👉 अमृतम रावण विशेषांक और अमृतम कालसर्प विशेषांक पढ़कर इस ज्ञान को गहराई से समझा जा सकता है।


🏹 दशहरा का असली अर्थ

अक्सर लोग दशहरा को “रावण दहन” का पर्व मानते हैं।

लेकिन असल में:

  1. दशहरा, विजयादशमी = स्वयं पर विजय का पर्व है।
  2. “दश” का अर्थ है हमारी दस इंद्रियाँ।
  3. ये इंद्रियाँ अक्सर हमें भोगों में धकेलकर हमारा मनोबल गिराती हैं।

👉 इसीलिए दशहरा रावण को जलाने का दिन नहीं, बल्कि अपने भीतर की बुराइयों – अहंकार, क्रोध, ईर्ष्या, आलस्य, मोह – को जलाने का उत्सव है।

👉 जब हम भीतर के रावण को हराते हैं, तभी असली विजयादशमी मनाते हैं।


🌟 श्री दशानन रावण से सीख

  1. भक्ति – शिव के प्रति समर्पण
  2. अनुसंधान – हर दिन नया सीखना
  3. ज्ञान – विद्या, वेद और शास्त्रों की गहराई
  4. ऊर्जा – राहु नक्षत्र की शक्ति को रचनात्मकता में बदलना
  5. साहस – प्रतिकूल परिस्थितियों में भी आगे बढ़ना
  1. श्री दशानन रावण का ज्ञान
  2. रावण और राहु नक्षत्र
  3. रावण संहिता का रहस्य
  4. दशहरा का असली अर्थ
  5. राहु नक्षत्र की विशेषताएँ
  6. राहु नक्षत्र में पैदा हुए प्रसिद्ध लोग
  7. अमृतम रावण विशेषांक


✍️ प्रेरणादायी संदेश

  1. “दशहरा रावण को जलाने का दिन नहीं, बल्कि अपने भीतर की बुराई जलाकर ऊपर उठने का उत्सव है।”
  2. “राहु खोज का ग्रह है, और रावण खोज का प्रतीक।”
  3. “यदि रावण से बुराई हटाकर देखें, तो वह ज्ञान और अनुसंधान का महाकाव्य है।”


👉 अब समय आ गया है कि हम दशहरे को केवल परंपरा से नहीं, बल्कि ज्ञान और आत्मविजय की दृष्टि से मनाएँ।

👉 और यदि आप गहराई से जानना चाहते हैं, तो अमृतम रावण विशेषांक और अमृतम कालसर्प विशेषांक का अध्ययन ज़रूर करें।

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