अमृतम पत्रिका से साभार कुछ कॉमेडी शायरी लेख
महिलाओं को सलाह-
बॉय फ्रेंड दुबले पतले ही बनाये।
जब कभी गुस्सा आये, तो कम से कम उठाकर फेंक तो सके।
जोड़ों का दर्द क्या है इसे केवल
जोड़े ही जानते हैं कुवारों को कुछ पता नहीं होता। लेना देना नहीं।
हाथ उसका पकड़ो जो कभी साथ न छोड़े जैसे बिजली का तार।


कुछ लड़कियां हमारी उम्र में बहुत भाव खाती थी। कभी चम्मच से कभी हाथ।
अपनी गलतियों पर हसे तो उम्र बढ़ेगी
बीबी की गलती पर हसे तो घटेगी।
पत्नी गृहिणी है तो पति ग्रहण।
पत्नी लड़े तो कह दे बुढापे में गुस्सा लाजिमी है।
संस्कृत में एक श्लोक है-
'यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:।
अर्थात्-
जहाँ नारी की पूजा होती है,
वहां देवता निवास करते हैं।
भारतीय परम्परा में स्त्री महालक्ष्मी का रूप है। जिस घर में लक्ष्मी स्वरूप
स्त्रियों का आदर, सम्मान और पूजा होगी, वहीं रुकेगी।
एक बार एक लड़की ने मुझे दो तक का आदमी कहा मुझे बुरा नहीं लगा क्यों की उस तक की भी कीमत थी लेकिन आज कहती तो शर्म से मर जाता।
औरतें पूरा जीवन सास के बच्चों यानी पति को सुधारने में लगा देती हैं। जो आदमी अपनी माँ की डांट से नहीं सुधरा वो अपने बच्चों की माँ से कैसे सुधरेगा।
श्री ओर श्रीमती में मति को बुद्धि कहतें है।
फिर झगड़ा किस बात का होता है।
कुछ लोग परीक्षा में वर्षा ऋतु पर निबंध
लिखने आया तो कुछ लड़कों ने वर्षा ओर ऋतु
पर बहुत कुछ लिख डाला लव लेटर जैसा।
बहुत सुंदर हैं दोनो।
मानसून का अर्य्ह न किसी की मां न किसी की सुन। घरवाली और मानसून में समानता।
पतझड़ सावन बसंत बहार
एक वर्ष में मौसम चारपांचवा मौसम
प्यार का।
लड़कियों में 9 देवी का रूप देखा जाता है। शादी के बाद किस रूप में प्रकट होंगी यह महत्वपूर्ण होता है। यह पति के कर्मों पर निर्भर होता है।
अहंकारी रहीस या अमीर लोग 2 साल के अपनी ओल्ड से आप ओर 60 साल के मजदूर से तू तू बोलते हैं।
■ औरतें बहुत जिद्दी होती हैं।
वीरू के लाख मना करने के बाद भी बसन्ती उन कुत्तों के सामने नहीं नाचना, फिर भी नहीं मानी।
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