राजा नल के बारे में अनेकों प्राचीन ग्रंथ और पुस्तकों का उल्लेख जानें
📚 राजा नल के इतिहास और साहित्य पर प्राचीन ग्रंथ: सम्पूर्ण संदर्भ सूची
राजा नल और दमयन्ती की कथा भारतीय साहित्य, इतिहास और पौराणिक कथाओं में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस पर अनेक काव्य, नाटक, शोध ग्रंथ और अनुवाद प्रकाशित हुए हैं।
यह लेख आपको नल से जुड़े प्राचीन और आधुनिक ग्रंथों की सूची प्रस्तुत करता है, जिससे शोधकर्ता, इतिहासकार और साहित्य प्रेमी आसानी से अध्ययन कर सकते हैं।
🏛 प्राचीन और मध्यकालीन ग्रंथ

- नलचम्पू – त्रिविक्रम भट्ट विरचित
- संपादक: टीका रामनाथ वेदालंकार
- प्रकाशन: साहित्य भण्डार, सुभाष बाजार, मेरठ, 1985
- नलोदय काव्यं – महाकवि कालिदास
- टीकाकार: प्रभाकर मिश्र
- प्रकाशक: खेमराज श्री कृष्णदास, मुंबई, संवत् 1955 (1889 ई.)
- नलोदय (नलोपाख्यानम्) – कालिदास
- अनुवादक: जगदम्बा प्रसाद सिन्हा
- प्रकाशक: अखिल भारतीय संस्कृत परिषद, लखनऊ, 1962
- नैषधीयचरित्रम् – महाकवि हर्ष विरचित
- व्याख्याकार: आचार्य श्री शेषराज शर्मा
- प्रकाशक: चौखम्बा प्रकाशन, सुरभारती, वाराणसी, 1983
- नल विलास नाटकम् – रामचन्द्र सूरि
- व्याख्या: सुरेन्द्र पाण्डे
- प्रकाशक: पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
📝 आधुनिक ग्रंथ और अध्ययन

- नल दमयंती स्वयंवर – रघुनाथ पण्डित
- प्रकाशक: सौम्या पब्लिकेशन, मुंबई, 1971
- नल दमयन्ती – पं. काशीराम जैन
- प्रकाशन: नरसिह प्रेस, कलकत्ता, 1905
- नल दमयन्ती – लक्ष्मण प्रसाद भारद्वाज (बी.ए.)
- प्रकाशक: मुन्शी नवल किशोर प्रेस, लखनऊ, 1910
- नल-दमयंती – सीताराम विष्णु सरवटे
- प्रकाशक: श्री स्टेण्डर्ड पब्लिशिंग कम्पनी, मुंबई, 1919
- Nal-Damyanti & Other Poem – Henry Hart (1791–1868)
📖 संदर्भ और इतिहास
- हिन्दी साहित्य का इतिहास – ले. रामचन्द्र शुक्ल
प्रकाशक: काशी नागरी प्रचारणी सभा, काशी, वि.सं. 1999
- राजपूत शाखाओं का इतिहास – देवीसिंह मंड़ावा

- प्रकाशक: राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर, संस्करण 2012
- शिवसिंह सरोज – लेखक: शिवसिंह सेंगर
- तमिल साहित्य और संस्कृति – अवधनन्दन
- पार्श्वनाथ चरित्र का समीक्षात्मक अध्ययन – जयकुमार जैन
- प्रकाशक: सन्मति प्रकाशन, मुजफरनगर, 1987
🌟 महत्व
- ये ग्रंथ राजा नल और दमयन्ती की प्रेमकथा, नल का शासन, काव्य, साहित्य और नाट्य कला का अध्ययन करने में सहायक हैं।
- शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए यह सूची अत्यंत उपयोगी है।
- भारतीय साहित्य में नल-दमयंती की कथा प्राचीन महाकाव्यों से लेकर आधुनिक शोध तक जीवित है।
📝 आधुनिक ग्रंथ और शोध
- नल दमयंती स्वयंवर – रघुनाथ पण्डित, सौम्या पब्लिकेशन, मुंबई, 1971
- नल दमयन्ती – पं. काशीराम जैन, नरसिह प्रेस, कलकत्ता, 1905
- नल दमयन्ती – लक्ष्मण प्रसाद भारद्वाज, मुन्शी नवल किशोर प्रेस, लखनऊ, 1910
- नल-दमयंती – सीताराम विष्णु सरवटे, श्री स्टेण्डर्ड पब्लिशिंग कम्पनी, मुंबई, 1919
- Nal-Damyanti & Other Poem – Henry Hart (1791–1868)
- Indian Story Book – Richard Willson, Prof. K.K. Venugopal, Macmillan and Company, London, 1914
- Nal and Damayanti: A Great Series of Painting an Old Indian Romance – B.N. Goswamy, Niyogi Books, New Delhi, 2015
- गुंहणोत नैणसी की ख्यात – अनुवादक: रायबहादुर गौरीशंकर हीराचन्द ओझा, रामनारायण दुग्गड़
- Annal’s & Antiquities of Rajasthan – Jame’s Tod, Vol. 3, Oxford University Press, 1922
- मुंहणोत नैणसी की ख्यात – सम्पादक: डॉ. मनोहर सिंह राणावत, श्री नटनागर शोध संस्थान, सीतामऊ, 1987
- The Archaeological Survey of India Vol. II – A. Conningham, 1867, Oriental Books Print Corporation, Delhi, 1967
- The Coins of Medi India – A. Conningham, Oriental Books Print Corporation, Delhi, 1967
- राजस्थान के राजवंशों का इतिहास – जगदीश सिंह गहलोत, राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर, 2015
- Origin and Early History of Kachhwaha – Dashrath Sharma, Motilal Banarasidas, New Delhi
- राजस्थान का इतिहास – जेम्स टॉड, अनुवादक बलदेव प्रसाद मिश्र, खेमराज श्रीकृष्णदास, मुंबई, 1925
- हमारे किले – शुकदेव दुबे, राज कमल प्रकाशन, नई दिल्ली / पटना, 1977
- हिन्दी भाषा और इतिहास के क्षेत्र में ग्वालियर क्षेत्र का योगदान – राधेश्याम द्विवेदी, कैलाश पुस्तक सदन, ग्वालियर, 1981
- राजपूत शाखाओं का इतिहास – देवीसिंह मंडावा, राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर, 2012
- म.प्र. के पुरातत्व का सन्दर्भ ग्रन्थ – डॉ. रामकुमार शर्मा, म.प्र. हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1974
- ग्वालियर के तोमर – हरिहर निवास द्विवेदी, विद्या मन्दिर प्रकाशन, मुरार, ग्वालियर, 1976
- म.प्र. के ऐतिहासिक स्थल – रामनारायण शर्मा, सरस्वती प्रेस
🌟 उपयोगिता
- ये ग्रंथ राजा नल और दमयंती की कथा, नल का शासन, पाक कला और साहित्यिक योगदान समझने में मदद करते हैं।
- शोधकर्ताओं, छात्रों और इतिहास प्रेमियों के लिए यह सूची पूर्ण और विश्वसनीय संदर्भ है।
- भारतीय साहित्य में नल-दमयंती की कथा महाकाव्यों से लेकर आधुनिक शोध तक जीवित है।
राजा नल और दमयंती: विस्तृत संदर्भ ग्रंथ सूची (भाग 2)
🏛 ऐतिहासिक और पुरातात्विक संदर्भ
- सवाई जयसिंह – लेखक: वीरेन्द्र स्वरूप भटनागर, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, 1972
- ग्वालियर राज्य के अभिलेख – लेखक: हरिहर निवास द्विवेदी, प्रकाशक: मध्यभारत पुरातत्व विभाग, ग्वालियर, 1947
- Rise of Kachhawaha in Daudad – B.S. Bhargava, Publisher: Shabd Sansar, Ajmer, 1979
- राजस्थान इतिहास – लेखक: बलदेव प्रसाद मिश्र, प्रकाशक: खेमराज श्रीकृष्णदास, बम्बई, मुद्रक: श्री वेंकटेश्वर मुद्रणालय, 1925
- म.प्र. गजेटियर, ग्वालियर जिला – सम्पादक: कृष्णन व.सु., मुद्रांक: Govt. Central Press, Bhopal, 1965
- Gazetteer of India, M.P. District, Shivpuri – Editor: Dr. N.P. Pandey, Publisher: Govt. of M.P., Culture Department, Bhopal, 1999
- ग्वालियर राज्य पुरा. रिपोर्ट – सम्पादक: एम.बी. गर्दै
- ग्वालियर राज्य के अभिलेख – लेखक: हरिहर निवास द्विवेदी
- इपिग्राफिया इण्डिका (भाग 22 एवं 47) – संपादक: डी.आर. भंडारकर
- भण्डारकर सूची संग्रह – संपादक: डी.आर. भण्डारकर
- इपीग्राफिया इण्डिया (फुलसेट) – रिप्रिन्टेड, द डायरेक्टर जनरल, Archaeological Survey of India, जनपथ, नई दिल्ली
- एन्यूअल रिपोर्ट ऑफ ग्वालियर आर्कोलॉजिकल डिपार्टमेन्ट – एम.व्ही. गर्दै
- इण्डियन एंटिक्युरी – रिप्रिन्टेड, स्वाति पब्लिकेशन, नई दिल्ली (सन् 1872–1933)
- Historical Geography of M.P. From Early Records – P.K. Bhattarcharya
- मध्य भारत का इतिहास (प्रथम खण्ड) सन् 350 ई. तक – लेखक: हरिहर निवास द्विवेदी, विजय गोविन्द द्विवेदी, प्रकाशक: सूचना विभाग, मध्य भारत
🌟 उपयोगिता
- ये ग्रंथ नल-दमयंती कथा, कछवाहा वंश, ग्वालियर क्षेत्र और ऐतिहासिक संदर्भ पर शोध के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
- पुरातात्विक अभिलेख और गजेटियर आपको स्थानीय और क्षेत्रीय ऐतिहासिक घटनाओं के प्रमाण उपलब्ध कराते हैं।
- शोधकर्ता और इतिहास प्रेमी इनका उपयोग करके राजपूत वंशावली और मध्य भारत के ऐतिहासिक अध्ययन में गहराई ला सकते हैं।
🔑 राजा नल के ग्रंथ
- नल दमयंती साहित्य
- नलचम्पू त्रिविक्रम भट्ट
- नलोदय कालिदास
- नल दमयंती नाटक और पुस्तक
- नल-दमयंती शोध और संदर्भ


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