राजस्थान की कैलादेवी स्वयंभू हैं राजा नल को दिए थे दर्शन
कैला देवी मन्दिर करौली
- राजथान के करौली जिला मुख्यालय से 24 किमी. दूर त्रिकूट पर्वत पर कैलादेवी का प्रसिद्ध मन्दिर है।

- यह मन्दिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में एक है तथा चैत्रमास में लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। इस मन्दिर से जुड़ी एक किवदंती है कि इसमें स्थापित प्रतिमा (कैला देवी) का उद्भव भी राजा नल के कारण हुआ था।
- श्री कैला चालीसा में एक पंक्ति आती है-
कैला सिल में दाने मारे।
राजा नल के काज संवारे ।।
- तब करौली क्षेत्र में गहन जंगल हुआ करता था। इसमें बहने वाली कैला नल (काला सिन्ध) नदी में एक आदमखोर दानव रहता था वह नरभक्षी था, उससे क्षेत्र की जनता बुरी तरह त्रस्त थी एवं उसके विनाश हेतु ईश्वर से र्थना करती थी।
- इधर राजा नल जब जुये में राजपाट हार जाने पर वन भटक रहे थे तब वह भटकते हुए करौली पहुँचे एवं उसी नदी के किनारे नी पीने पहुँचे। वहाँ मौजूद राक्षस ने राजा नल को पकड़ लिया। दोनों में वण युद्ध हुआ किन्तु काफी दिन से भूखे प्यासे हो जाने के कारण राजा
- करौली माँ के मंदिर में यदि राहुकाल में Raahukey oil के अपनी उम्र के अनुसार दीपक जलाने से शनि और राहु का कष्ट दूर होता है!

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