आयुर्वेद के दिव्य वैद्य अश्विनी कुमार : चिकित्सा और अमृत के देवता 🌿
- ऋग्वेद में वर्णित अश्विनी कुमार आयुर्वेद के प्रथम शल्य-चिकित्सक माने जाते हैं। उन्होंने च्यवन ऋषि को पुनः युवा बनाया!

- कटे अंग जोड़ दिए और दिव्य औषधियों से असंभव को संभव कर दिखाया। जानिए अश्विनी कुमार के अद्भुत चिकित्सा चमत्कार और उनका महत्व।

✨ अश्विनी कुमार कौन थे?
अश्विनी कुमार (अश्विनीकुमारौ या अश्विनौ) देवताओं के वैद्य कहे जाते हैं। ये भगवान सूर्य और संज्ञा के पुत्र तथा भगवान शिव के परम भक्त थे।- ऋग्वेद, आयुर्वेद और प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में उनका विशेष उल्लेख मिलता है।
- अश्वनी कुमार को चिकित्सा, विज्ञान और स्वास्थ्य का अद्भुत ज्ञान था।
- ये ऋग्वैदिक काल के प्रथम सफल शल्य-चिकित्सक (सर्जन) माने जाते हैं।

🌺 अश्विनी कुमार के दिव्य चमत्कार
- अश्विनीकुमारों के कार्य केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं थे, बल्कि उन्होंने असंभव लगने वाले उपचारों को भी संभव कर दिखाया।
- च्यवन ऋषि और च्यवनप्राश का निर्माण
- वृद्ध च्यवन ऋषि को पुनः युवा और स्वस्थ बनाने के लिए अश्विनीकुमारों ने अमृतम च्यवनप्राश का सूत्र दिया।
- यही आज के समय का सबसे प्रसिद्ध आयुर्वेदिक टॉनिक है।
विश्पला को नया जीवन
- ऋग्वेद में उल्लेख है कि उन्होंने विश्पला नामक स्त्री का कटा हुआ पैर लोहे का प्रत्यारोपित कर दिया।
- यह प्राचीनकाल की पहली कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण (Artificial Limb Surgery) मानी जाती है।
- नपुंसक वध्रिमती को संतान सुख
- आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा संतानहीन स्त्री वध्रिमती को पुत्र प्राप्ति कराई।
- दृष्टि और श्रवण की पुनः प्राप्ति
- अंधे ऋजाश्व को दृष्टि दी।
- बहरे-बधिर नार्षद को पुनः श्रवण शक्ति प्रदान की।
📜 वेदों और शास्त्रों में उल्लेख
ऋग्वेद में 54 ऋचाएं अश्विनी कुमारों को समर्पित हैं।- लगभग 398 बार इनका उल्लेख मिलता है।
- इन्हें आरोग्य, चिकित्सा और अमरत्व के देवता कहा गया है।
🕉️ अश्विनी कुमार का दिव्य मंत्र और औषधि
- आयुर्वेद में अश्विनीकुमारों के दिव्य मंत्र का वर्णन मिलता है। इसका जाप करने से लाभ होता है –
- चर्म रोग
- मानसिक तनाव
- कमजोर हड्डियां
- कान से जुड़े रोग
- स्मृति दोष (कमजोर याददाश्त)
इनके बताए औषधीय सूत्र आज भी आयुर्वेद का आधार हैं।
🌿 निष्कर्ष
- अश्विनी कुमार केवल देवताओं के वैद्य ही नहीं थे, बल्कि वे आयुर्वेद और चिकित्सा विज्ञान के जनक भी हैं।
उनके चमत्कार हमें बताते हैं कि –
- स्वास्थ्य ही जीवन का सबसे बड़ा धन है।
- और आयुर्वेद में हर समस्या का समाधान है।

जैसा वेदों ने सुझाया, वैसा ही अमृतम आयुर्वेद ने बनाया।
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