आयुर्वेद के दिव्य वैद्य अश्विनी कुमार : चिकित्सा और अमृत के देवता 🌿

  1. ऋग्वेद में वर्णित अश्विनी कुमार आयुर्वेद के प्रथम शल्य-चिकित्सक माने जाते हैं। उन्होंने च्यवन ऋषि को पुनः युवा बनाया!

  1. कटे अंग जोड़ दिए और दिव्य औषधियों से असंभव को संभव कर दिखाया। जानिए अश्विनी कुमार के अद्भुत चिकित्सा चमत्कार और उनका महत्व।



✨ अश्विनी कुमार कौन थे?


  1. अश्विनी कुमार (अश्विनीकुमारौ या अश्विनौ) देवताओं के वैद्य कहे जाते हैं। ये भगवान सूर्य और संज्ञा के पुत्र तथा भगवान शिव के परम भक्त थे।
  2. ऋग्वेद, आयुर्वेद और प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में उनका विशेष उल्लेख मिलता है।
  3. अश्वनी कुमार को चिकित्सा, विज्ञान और स्वास्थ्य का अद्भुत ज्ञान था।
  4. ये ऋग्वैदिक काल के प्रथम सफल शल्य-चिकित्सक (सर्जन) माने जाते हैं।




🌺 अश्विनी कुमार के दिव्य चमत्कार

  1. अश्विनीकुमारों के कार्य केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं थे, बल्कि उन्होंने असंभव लगने वाले उपचारों को भी संभव कर दिखाया।
  2. च्यवन ऋषि और च्यवनप्राश का निर्माण
  3. वृद्ध च्यवन ऋषि को पुनः युवा और स्वस्थ बनाने के लिए अश्विनीकुमारों ने अमृतम च्यवनप्राश का सूत्र दिया।
  4. यही आज के समय का सबसे प्रसिद्ध आयुर्वेदिक टॉनिक है।

विश्पला को नया जीवन

  1. ऋग्वेद में उल्लेख है कि उन्होंने विश्पला नामक स्त्री का कटा हुआ पैर लोहे का प्रत्यारोपित कर दिया।
  2. यह प्राचीनकाल की पहली कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण (Artificial Limb Surgery) मानी जाती है।
  1. नपुंसक वध्रिमती को संतान सुख
  2. आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा संतानहीन स्त्री वध्रिमती को पुत्र प्राप्ति कराई।
  1. दृष्टि और श्रवण की पुनः प्राप्ति
  2. अंधे ऋजाश्व को दृष्टि दी।
  3. बहरे-बधिर नार्षद को पुनः श्रवण शक्ति प्रदान की।


📜 वेदों और शास्त्रों में उल्लेख


  1. ऋग्वेद में 54 ऋचाएं अश्विनी कुमारों को समर्पित हैं।
  2. लगभग 398 बार इनका उल्लेख मिलता है।
  3. इन्हें आरोग्य, चिकित्सा और अमरत्व के देवता कहा गया है।

🕉️ अश्विनी कुमार का दिव्य मंत्र और औषधि

  1. आयुर्वेद में अश्विनीकुमारों के दिव्य मंत्र का वर्णन मिलता है। इसका जाप करने से लाभ होता है –
  1. चर्म रोग
  2. मानसिक तनाव
  3. कमजोर हड्डियां
  4. कान से जुड़े रोग
  5. स्मृति दोष (कमजोर याददाश्त)

इनके बताए औषधीय सूत्र आज भी आयुर्वेद का आधार हैं।

🌿 निष्कर्ष

  1. अश्विनी कुमार केवल देवताओं के वैद्य ही नहीं थे, बल्कि वे आयुर्वेद और चिकित्सा विज्ञान के जनक भी हैं।

उनके चमत्कार हमें बताते हैं कि –

  1. स्वास्थ्य ही जीवन का सबसे बड़ा धन है।
  2. और आयुर्वेद में हर समस्या का समाधान है।


जैसा वेदों ने सुझाया, वैसा ही अमृतम आयुर्वेद ने बनाया।

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