मेमोरी कैसे बढ़ायें ब्रेन पॉवर टिप्स
- आयुष मंत्रालय की टास्क फोर्स ने पहली बार सिफारिश की है कि सरकार की अनदेखी के कारण लोगों में लगातार डिप्रेशन की समस्या बढ़ी है।

- उधर ब्रिटेन, यूरोप तथा अमेरिका में तेजी से बढ़ रहे डिप्रेशन के मामले, अब 60 साल से कम के वयस्कों का होगा एंग्जायटी चेकअप जरूरी कर दिया है।
- अकेले भारत में 42 फीसदी पुरुष, तो 47% महिलाएं एंग्जायटी की शिकार हो चुकी हैं ओर प्रतिदिन आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं।
- कई साइकोलॉजिस्ट्स का मानना है कि लोगों की एंग्जायटी स्क्रीनिंग तभी कारगर होगी, जब उन्हें आयुर्वेद की खास दवाओं जैसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जटामांसी, स्मृति सागर रास, चन्दन, नागरमोथा आदि से निर्मित दवाइयों का नियमित सेवन कराया जाए।
- साथ ही अवसाद या डिप्रेशसन से बाहर आने का रास्ता भी सुझाया जाए। दूसरी चुनौती इतने बड़े स्तर पर स्वास्थ्य संसाधन और स्टाफ जुटाना होगी।
- Amrutam Brainkey Gold Malt
- की विदेशों में भारी मांग बढ़ी। क्योंकि विदेशी मस्तिष्क वैज्ञानिक डिप्रेशन से राहत हेतु जिन आयुर्वेदिक दवाओं का हवाला दे रहे हैं। वे सब ब्रेन की गोल्ड माल्ट में मिश्रित हैं।
प्राचीन काल से सिद्ध शिव भक्त अघोरी, संत महात्मा, साधु परमहंस कहते आ रहे हैं कि
तू शिव को अगर बिसरा देगा,
तो शक्ति कैसे पायेगा।
शिव नाम का अमृत पाए बिना
तू जिंदा कैसे रह पाएगा।
- अमृतम पत्रिका, ग्वालियर अगस्त अंक 2008 से साभार।
- आज हम सब मनमर्जी के मालिक हो गए हैं।
- मूल आधार को छोड़ छोटे मोटे फायदे के चक्कर में इधर उधर भटक रहे हैं ओर मैन को भटक रहे हैं। आज पूरा विश्व अवसाद से पीड़ित है।
brain को training देता है ब्रेन की गोल्ड माल्ट

- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा के अलावा अमेरिका के नागरिकों में डिप्रेशन तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए वहां के हेल्थ पैनल ने पहली बार सिफारिश की है कि 60 साल से कम उम्र के सभी वयस्कों की एंग्जायटी और मानसिक स्वास्थ्य की जांच होनी चाहिए।
- मानसिक स्वास्थ्य पैनल की सिफारिशों पर अमेरिकी नागरिकों से 17 अक्टूबर तक राय ली जा रही है।
- वैसे मेंटल हेल्थ के मामलों में ऐसा बदलाव देखने वाला अमेरिका अकेला नहीं है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना की पहली लहर में लोगों में डिप्रेशन और एंग्जायटी में 35% की वृद्धि हुई।
- शोध बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एंग्जायटी का खतरा दोगुना रहता है।
- यह सिफारिश ऐसे वक्त की गई है, जब देश में में लोग तनाव बढ़ाने वाली बीमारियों, लॉन्ग कोविड, महंगाई के कारण आर्थिक तंगी और अनिश्चितता के चलते परेशानियां महसूस कर रहे हैं।
- यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स एडवाइजरी ग्रुप ने कहा है कि इस जांच से लोगों को मानसिक तनाव कम करने में मदद मिलेगी। इस समस्या को लगातार अनदेखा किया गया है। पैनल ने बच्चों और किशोरों के लिएवभी इस साल की शुरुआत में भी इसी जांच की सिफारिश की थी।

- ह्यूमन हेल्थ और सर्विस डिपार्टमेंट की ओर से बनाया गया यह पैनल कोविड के पहले से रिपोर्ट तैयार कर रहा है। मैसाचुसैट्स चान मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर और इस टास्क फोर्स के हिस्सा रहे लोरी पबर्ट ने बताया कि 'एंग्जायटी का कारण अपराध बढ़ने, लॉकडाउन का तनाव, कोविड में परिजन का निधन बड़े कारण है।
- टास्क फोर्स ने अध्ययन में पाया है कि अगस्त 2020 से फरवरी 2021 के बीच वयस्कों में एंग्जायटी या डिप्रेशन के लक्षणों के मामले 36.4% से बढ़कर 41.5% हो गए।
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