हमारा शरीर-हमारी तक़दीर ब्रेनकी गोल्ड माल्ट - Brainkey Gold Malt हमारी तकदीर बदल सकता है ।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट के 19 चमत्कारी लाभ | 19 Magical Gains of Brainkey Gold Malt
1 - यह पाचनतंत्र को ठीक करता है ।
2 - पेट एक बार में साफ होता है ।
3 - कब्जियत कभी नहीं होती ।
4 - नाड़ी संस्थान को क्रियाशील बनाता है ।
5 - भूख खुलकर लगने लगती है ।
6 - बल,बुद्धि,वीर्य वृद्धि में सहायक है ।
7 - मन-मस्तिष्क को शांति प्रदाता है ।
8 - दिमाग के मृतप्रायः सेल (Cell) जाग्रत करे ।
9 - शरीर को फुर्तीला व ऊर्जावान बनाता है ।
10- दिमाग में हमेशा सुकून शान्ति देता है ।
11 - तन-मन को हल्का व प्रसन्न रखता है ।
12 - मष्तिष्क को तनाव रहित रखता है ।
13 - क्रोध,चिड़चिड़ापन नहीं होने देता ।
14 - बिगड़े हुए मेटाबोलिज्म को सुचारू रूप से संचालित करता है ।
15 - अवसादग्रस्त से पीड़ितों को हितकारी है ।
16 - हीनभावना मिटाता है ।
17 - आत्मविश्वास में वृद्धिदायक है ।
18 - दिमाग की गर्मी में राहतकारी है ।
19 - समय पर गहरी नींद लाना इसका प्रमुख्य कार्य है ।

अनेक अद्भुत असरकारी जड़ीबूटियों के काढ़े,मेवा-मसाले तथा मुरब्बो के मिश्रण से ब्रेन की गोल्ड माल्ट और भी अधिक असरकारक हो गया है ।
मुकद्दर कैसे बदलें
तक़दीर बदलने के लिए तजवीर या नित्य नवीन खोज, नई सोच की जरूरत है । नया आईडिया ही अब- इंडिया या भारत के बाहर आपको पहचान दिला सकता है!
आत्मविश्वास में वृद्धि जरूरी है
वैज्ञानिक दृष्टि से मनः संकल्प-शक्ति को दैनिक जीवन में कैसे मजबूत करें।

🧠 मनः संकल्प-शक्ति बढ़ाने के व्यावहारिक वैज्ञानिक तरीके
1. छोटे संकल्प से शुरुआत करें (Micro-commitments)
- वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि छोटे-छोटे सफल संकल्प Self-confidence बढ़ाते हैं।
- उदाहरण:
- “मैं रोज़ सुबह 5 मिनट ध्यान करूंगा।”
- “मैं आज मीठा नहीं खाऊंगा।”
- जब ये पूरे होते हैं तो मस्तिष्क Dopamine छोड़ता है → आगे बड़े संकल्प निभाने की शक्ति बढ़ती है।
2. मस्तिष्क को ऊर्जा दें (Glucose & Oxygen)
- खाली पेट या थकान में इच्छाशक्ति घटती है।
- इसलिए:
- संतुलित आहार लें (ज्यादा चीनी नहीं, बल्कि फल, नट्स, साबुत अनाज)।
- पानी पर्याप्त पिएँ।
- गहरी सांस लेने के अभ्यास करें (प्राणायाम) → मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती है।

3. ध्यान (Meditation) और माइंडफुलनेस
- Stanford और Harvard के शोध:
- रोज़ 10-15 मिनट ध्यान करने से Prefrontal Cortex की मोटाई बढ़ती है।
- इससे आत्म-नियंत्रण और संकल्प निभाने की क्षमता मजबूत होती है।
4. ट्रिगर-हैकिंग (Cue-control)
- आदत और संकल्प को निभाने के लिए वातावरण बहुत मायने रखता है।
- उदाहरण:
- अगर आपको मोबाइल कम इस्तेमाल करना है → नोटिफिकेशन बंद कर दें।
- अगर रोज़ योग करना है → योगा मैट को वहीं रखें जहाँ सुबह सबसे पहले नज़र पड़े।
- यह तरीका Basal Ganglia को नई आदतों के लिए प्रशिक्षित करता है।
5. Positive Visualization (वैज्ञानिक कल्पना)
- Neuroscience बताती है कि जब हम किसी कार्य की सफलता की कल्पना करते हैं, तो मस्तिष्क में वही न्यूरल पथ सक्रिय होते हैं जो असल काम करते समय होते हैं।
- रोज़ 5 मिनट बैठकर अपने लक्ष्य को पहले से पूरा हुआ मानसिक चित्र बनाइए → संकल्प-शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।
6. तनाव प्रबंधन Management
- तनाव हार्मोन Cortisol इच्छाशक्ति को कमजोर कर देता है।
- इसके लिए:
- पर्याप्त नींद लें (7–8 घंटे)।
- नियमित व्यायाम करें।
- हल्की हंसी और संगीत भी Serotonin & Endorphins बढ़ाकर संकल्प शक्ति को मजबूत करते हैं।


7. Accountability & Tracking
- वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि जब आप अपने संकल्प को किसी और से साझा करते हैं तो Commitment 60–70% तक सफल होता है।
- एक डायरी में संकल्प और उसकी प्रगति लिखें।
🎯 अंतिम सूत्र
👉 “छोटे संकल्प → निरंतर अभ्यास → वातावरण नियंत्रण → ध्यान और सकारात्मक कल्पना”
= अटूट मनः संकल्प शक्ति
शरीर का धर्म क्या है -
तन-मन को स्वस्थ्य-पवित्र बनाये रखना, अपने कर्तव्यों को निभाना तथा प्रकृति के अनुसार चलकर स्वयं को सदा स्वस्थ बनाये रखना,हमेशा हँसते-मुस्कराते रहना, सबको खुश रखना, किसी का दिल न दुखाना,द्वेष-दुर्भावना रहित होना, किसी का हक न मारना, सभी के प्रति दया भाव रखना आदि इन सबको आयुर्वेद, यूनानी सहित सभी चिकित्सा ग्रंथो में तन-मन का कर्म व धर्म बताया गया है ।
चार पुरुषार्थ
धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष इन चार पुरुषार्थो में इसलिए ही धर्म सर्वप्रथम है । सबसे पहले ये समझें कि स्वस्थ्य-तंदरुस्त कैसे रह सकते हैं
स्वस्थ रहना ही धर्म है -
अच्छा स्वभाव, सद्गुण,होना स्वस्थ शरीर की पहली आवश्यकता है । प्रमुख सद्ग्रन्थ "गीता" में कहा कि-
|| धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ||
हमारा तन-मन,मस्तिष्क कुरुक्षेत्र है इसमें सदा युद्ध (महाभारत) चलता ही रहता है इस कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है । मानसिक विकार उत्पन्न होते हैं । सभी धर्म में मन की गति सर्वाधिक बताई है । मन में अमन की कमी
कैसे मिले सफलता -
इसके लिए बहुत तेज़-तर्रार दिमाग जरूरी है । अच्छी याददाश्त वाला व्यक्ति ही बादशाहत पाता है । इन सबकी प्राप्ति के लिए तत्काल
ब्रेन की गोल्ड माल्ट
3 माह तक निरन्तर लेना जरूरी है यह एक प्रकार का कई तरह के मुरब्बे, मेवा मसालों, प्रकृतिक जड़ीबूटियों के काढ़े से निर्मित है ।
दिमाग को तेज करने वाला
यह दुनिया का पहला हर्बल जैम है,इसे आयुर्वेद में माल्ट कहा जाता है । ब्रेन की गोल्ड माल्ट- मन-मस्तिष्क को मद-मस्त,प्रसन्न पूरी तरह शान्त रखने वाली स्मृति वर्द्धक हर्बल दवाई है,जो अतिशीघ्रता से याददाश्त वृद्धिकारक है ।
तकदीर की तासीर
सृष्टि के आरम्भ से आज तक स्वस्थ्य शरीर को ही "तकदीर" कहा गया । वर्तमान में जिसका स्वास्थ्य अच्छा है वही भाग्यशाली है ।
जीवन में सफलता,समाज में प्रतिष्ठा, परिवार में पकड़, दैनिक नियम-धर्म का मुख्य आधार स्वस्थ शरीर है । आयुर्वेद के अनुसार
"तन का पतन"
कर देती है । अतः तंदरुस्ती हेतु ऐसे जतन (प्रयास) करें कि मन प्रसन्न रह सकें । मन के खराब होने से मानसिकता विषैली हो जाती है ।
क्यों जरूरी है ब्रेन की गोल्ड माल्ट-
- काम की अधिकता
- रात दिन की भागमभाग,
- विपरीत जीवन शैली
- अनियमित खानपान,
- न समय पर सो पाना,न जागना,थकान,
- पाचन तन्त्र की खराबी,
- मेटाबोलिज्म का दिनोदिन बिगड़ना,
- लगातार चिन्ता,तनाव,
- लंबे समय तक कब्जियत का बना रहना ।
- ज्यादा एलोपैथिक दवाओं का सेवन,
- लम्बे समय तक भूखे रहना,
- शरीर में गर्मी रहना,
- शारीरिक अतृप्ति,
- हमेशा पेट खराब रहना,
- भूख न लगना आदि
इन सब आधि-व्याधि की बर्बादी से बचने के लिए
ब्रेन की गोल्ड माल्ट 3 माह तक नियमित 2 से 3 चम्मच सुबह खाली पेट गुनगुने दूध से 3 महीने तक लगातार सेवन करें।
तीन महीने के लिए 5 शीशी 400 ग्राम ब्रेन की गोल्ड माल्ट मांगने हेतु अपना ऑर्डर आज ही ऑनलाइन देवें। क्या फायदे हैं
मानसिक विकार मनःस्थति बिगड़ने से होते हैं:
- अवसाद,
- डिप्रैशन,
- हीनभावना,
- आत्मविश्वास में कमी,
- अनिद्रा,भय-भ्रम,चिंता-तनाव,
- याददास्त की कमी,
- बार-बार भूलना,
- काम में मन न लगना,
- बच्चोँ का पढ़ाई में मन नहीं लगना
ब्रेन की गोल्ड माल्ट उपरोक्त सभी समस्याओं का समाधान करने में पूरी तह सक्षम है। तीन महीने के लगातार उपयोग से आप जीवन में विशेष परिवर्तन का अनुभव करेंगे ।
एक बार के पढ़ने या समझने से याद होने लगेगा । दिमाग की डिम आग को प्रज्जलित करने वाला हर्बल माल्ट (अवलेह) या जैम के रूप में यह पहली दवा है ।
गणित- की गड़बड़ी भ्रम
गणित के हिसाब से एक मन 40 किलो का होता है । पहले कभी सदा प्रसन्न रहने वाले, मनमौजी लोग कहा करते थे कि वजन के हिसाब से 2 मन मिलने से या,तो 80 किलो होता है या फिर, विवाह होता है।
विवाह सफल, तो जीवन चमन हो जाता है । तन-मन को अमन मिलता है ।
लेकिन मानव-मन वजन रहित होने के पश्चात भी सदियों से सृष्टि में तहलका मचा रखा है । मन-मस्तिष्क की मरम्मत - मन के अमन हेतु ज्ञानी गण ज्ञान देते हैं कि-
"मन के 'मत' से मत चलियो, ये जीते जी मरवा देगा ।
विश्व प्रसिद्ध ग्वालियर के "तानसेन समारोह" में कभी एक संगीतकार 'मन के लिए', बड़े मन से मोह-राग रहित होकर, कोई राग गा रहे थे, जिसका मुखड़ा था कि-
अरे मन समझ-समझ पग धरिये,
इस जीवन में कोई न अपना परछाईं सौं डरिये । रिश्ते-नाते,कुटुंब-कबीला इनसे 'नेह' न धरिये ।। अरे मन............
!!मनः संकल्प शक्ति-!!
मनः संकल्प शक्ति का अर्थ है – मन में उत्पन्न हुई इच्छा, विचार या निर्णय को दृढ़ निश्चय के साथ पूरा करने की शक्ति।
- “मनः” = मन (विचार, भावनाएँ, चेतना)
- “संकल्प” = निश्चय, ठान लेना, दृढ़ विचार
- “शक्ति” = सामर्थ्य, करने की क्षमता
👉 इस प्रकार मनः संकल्प शक्ति का आशय है – मन में उठे हुए विचार या लक्ष्य को साधने की क्षमता, अर्थात् जो निश्चय कर लिया उसे पूर्ण कर पाने की शक्ति।
उदाहरण
- किसी ने निश्चय किया कि मैं प्रतिदिन प्रातः उठकर ध्यान करूंगा – तो यह संकल्प है।
- लेकिन उस संकल्प को निरंतर निभाना ही संकल्प-शक्ति है।
- महाभारत में भीष्म पितामह ने “इच्छा मृत्यु” का वरदान संकल्प-शक्ति से ही साधा था।
मनः संकल्प शक्ति के लक्षण
- दृढ़ निश्चय व आत्मविश्वास
- लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयास
- परिस्थिति, बाधा या मोह से विचलित न होना
- अंततः अपने विचार को साकार कर देना
कैसे बढ़ायें संकल्प शक्ति
बढ़ाने के उपाय ध्यान और प्राणायाम (मन को स्थिर करने हेतु)
- सकारात्मक विचार (नकारात्मकता से शक्ति क्षीण होती है)
- नियमित अभ्यास (छोटे-छोटे संकल्प निभाते रहना)
- सत्संग और उत्तम साहित्य (प्रेरणा से मन सुदृढ़ होता है)
- शुद्ध आहार और संयम (शरीर व मन दोनों को बल मिलता है)
👉 संक्षेप में, मनः संकल्प शक्ति वह आंतरिक सामर्थ्य है, जो इंसान को असंभव लगने वाले कार्यों को भी संभव करा देती है।
वेद वाक्य है-संकल्प शक्ति से ही मन काबू में किया जा सकता है, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं है।
मनः संकल्प शक्ति को वैज्ञानिक दृष्टि से समझें तो यह मुख्यतः मस्तिष्क (Brain), मनोविज्ञान (Psychology) और न्यूरोबायोलॉजी (Neurobiology) से जुड़ी हुई शक्ति है।
🔬 वैज्ञानिक विश्लेषण
1. संकल्प कैसे बनता है?
- जब मन कोई लक्ष्य ठानता है, तब Prefrontal Cortex (मस्तिष्क का अग्र भाग) सक्रिय होता है।
- यह हिस्सा निर्णय लेने (Decision making), योजना बनाने (Planning), और आत्म-नियंत्रण (Self-control) के लिए जिम्मेदार है।
- यही मस्तिष्क हमें कहता है – “मुझे यह करना है।”
2. संकल्प को निभाने की शक्ति कहाँ से आती है?
- हमारी Willpower (इच्छाशक्ति) का वैज्ञानिक आधार है:
- Prefrontal Cortex लक्ष्य पर ध्यान बनाए रखता है।
- Anterior Cingulate Cortex गलतियों को पहचानता है और सुधार का संकेत देता है।
- Basal Ganglia आदत बनाने में मदद करता है।
- जब हम बार-बार किसी संकल्प का अभ्यास करते हैं तो Neuroplasticity (नई नसों के जोड़ बनने की प्रक्रिया) से वह संकल्प धीरे-धीरे आदत बन जाता है।
3. ऊर्जा और संकल्प-शक्ति का संबंध
- वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि इच्छाशक्ति भी एक सीमित ऊर्जा है, जैसे बैटरी।
- जब हम थके होते हैं, भूखे होते हैं या तनाव में होते हैं तो Willpower कम हो जाती है।
- ग्लूकोज़ और ऑक्सीजन (जो मस्तिष्क का मुख्य ईंधन है) पर्याप्त होने पर संकल्प-शक्ति मजबूत रहती है।
4. ध्यान और प्राणायाम का वैज्ञानिक प्रभाव
- Meditation से Prefrontal Cortex की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- इससे ध्यान (Focus), एकाग्रता (Concentration) और Self-control मज़बूत होते हैं।
- गहरी श्वास (Pranayama) से मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, जिससे Stress hormones (Cortisol) कम होते हैं और संकल्प निभाने की शक्ति बढ़ती है।
5. न्यूरोट्रांसमीटर और संकल्प शक्ति
- Dopamine → प्रेरणा और आनंद देता है, जिससे लक्ष्य पूरा करने का उत्साह बढ़ता है।
- Serotonin → मन को स्थिर रखता है, नकारात्मक भाव कम करता है।
- GABA और Endorphins → तनाव कम करते हैं और संकल्प को टूटने नहीं देते।
वैज्ञानिक दृष्टि से मनः संकल्प शक्ति का अर्थ है –
👉 Prefrontal Cortex की क्षमता + Neuroplasticity + उचित ऊर्जा (Glucose & Oxygen) + सकारात्मक Neurochemicals का संयोजन।
यानी जब मस्तिष्क सही ढंग से प्रशिक्षित, ऊर्जावान और संतुलित रहता है तो व्यक्ति का संकल्प अटूट हो जाता है।
भक्त रैदास कहते हैं- "मन चंगा, तो कठौती में गंगा"
कठौती अर्थात जिस चमड़े में चर्मकार पानी भरकर रखते है । सार तत्व यही है कि तन-मन स्वस्थ है,तो चमड़े के पात्र में भी गंगा है । तभी,तो कहावत है कि मानो,तो मैं गंगा माँ हूँ, न मानो,तो बहता पानी । फिर,मन के लिए कबीरदास जी ने लिखा कि-
मन स्वस्थ्य है,तो सब मस्त है । मलिनता रहित मन तीर्थ बन जाता है ।
तीरथ गये,तो तीन जन, चित्त,चंचल,चित्तचोर।
श्री तुलसीदास ने लिखा कि-"मन माना कछु तुमहिं निहारी"
समूचे ब्रह्मांड में बस मन ही एक ऐसा है जिसे जीव स्वयं नियंत्रित कर सकता है । मन ही मस्तिष्क को मस्त और तेज़ बना सकता है ।
मुरैना की ग्रामीण कहावत है-
मन-मन भावै, मुड़ी हिलावे ।
कभी माला फेरने से भी मन कब्जे में आ जाता है,कभी किसी का नहीं भी आता,तभी कहा-
"मन का मनका फेर के"
अतः मन माना,तो पार है या नहीं माना या मनमाना किया,तो बेकार है । इसीलिए अमृतम ने मन-मस्तिष्क को मद-मस्त बनाये रखने मन की स्थिरता के लिए
ब्रेन की गोल्ड माल्ट व टेबलेट का निर्माण किया है ।
क्यों कारगर है ब्रेन की गोल्ड माल्ट-
दिमाग को तेज,ऊर्जावान बंनाने वाली तथा याददाश्त,एकाग्रता बढ़ाकर मन-मस्तिष्क को खुश,प्रसन्न रखने में सहायक एवं पूर्णतःतनाव मुक्त कर, आयुर्वेद की ये सदियों सिद्ध व सदगुणी ओषधि मिलाकर ब्रेन की गोल्ड माल्ट बनाया गया है ।
इन जड़ीबूटियों के नाम निम्नलिखित हैं-
- ब्राहमी
- शंखपुष्पी,
- जटामांसी
- नागरमोथा,
- भृङ्गराज
- स्मृतिसागर रस
- ये सब स्मृतिवर्द्धक प्राकृतिक दवाएँ स्मृतियों को जिन्दा बनाये रखने में बेहद कारगर है ।
- मेटाबोलिज्म, पाचन तंत्र को मजबूती
- देने हेतु इसमें
- आंवला मुरब्बा,
- सेव मुरब्बा,
- हरड़ का मुरब्बा
- गाजर मुरब्बा,
- बादाम पाक
- गुलकन्द
- अमलताश
- सहस्त्रवीर्या आदि
- के मिश्रण से ब्रेन की गोल्ड माल्ट को
निर्मित किया है,जो पाचन तन्त्र को क्रियाशील बनाता है । अंदरूनी उदर रोगों का सर्वनाश करने में सहायक है । बहुत दिनों से बिगड़े हुए मेटाबोलिज्म ठीक करने में मददगार है । शरीर में बन रहे यूरिक एसिड नष्ट करने में "मुरब्बे" महत्वपूर्ण ओषधि के रूप में प्राचीनकाल से प्रसिद्ध हैं । यह त्रिदोष,त्रिशूल नाशक भी है ।
गुलकन्द पित्त नाशक है, यह पाचनतंत्र प्रणाली को व्यवस्थित करता है । बादाम सिर के भारीपन को कम करता है ।
ब्राह्मी,शंखपुष्पी,जटामांसी ब्रेन को तेज और शार्प करने वाली अमृतम आयुर्वेद की ख्याति प्राप्त सबसे विश्वशनीय ओषधियाँ है,जो
ब्रेन की शिथिल, मरी हुई या क्रियाहीन कोशिकाओं को तत्काल जाग्रत कर दिमाग को ऊर्जा से लबालब कर देती हैं ।
याददाश्त बढ़ाने वाली इन जड़ीबूटियों को इसीलिये बहुत अध्ययन व अनुसन्धान के कारण ब्रेन की गोल्ड माल्ट मिलाया गया है । आयुर्वेद के प्राचीन और प्रसिद्ध ग्रंथ
- वृन्दमाधव
- आयुर्वेद स्मृतियां
- निघण्टु भावप्रकाश
- भैषज्य रत्नाकर
- आयुर्वेद एक खोज
- आयुर्वेद अर्कप्रकाश
- सौन्दर्यलहरी
- मन्त्र महोदधि
- आयुर्वेद व स्मरण शक्ति
- मस्तिष्क तन्त्र विज्ञान
- आयुर्वेद फार्मूलेशन ऑफ इंडिया (AFI)
आदि अनेक अमृतम आयुर्वेद की कृतियों में बताया है कि पाचन तंत्र के बिगड़ने से तथा उदर की बीमारी तन के तन्त्र को कमजोर कर देती है । तनतन्त्र का सीधा असर मानव
मस्तिष्क पर होता है । इस कारण दिमाग की नाड़ियां या सेल क्रियाहीन होकर शिथिल होने से तन-मन विचलित होने लगता है । याददाश्त कमजोर हो जाती है ।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट से 19 फायदे -
कैसे सेवन करें
"ब्रेन की गोल्ड माल्ट"- सुबह खाली पेट 2 से 3 चम्मच तथा रात्रि में गुनगुने दूध अथवा सादा पानी से दिन में 3 से 4 बार, तीन महीने तक नियमित लेवें हमेशा तरो-ताज़ा, स्वस्थ-तंदरुस्त व फिट बने रहने के लिए इसे जीवन भर लिया जा सकता है। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है । यह शुद्ध हर्बल ओषधि है जो शरीर व दिमाग को "हर-बल" प्रदान करती है ।
कमजोर दिमाग वालों को यह बहुत ही लाभकारी है । इसे बिना किसी रोग,बीमारी के भी जीवन भर ले सकतें हैं । और भी तरीके हैं सेवन के - ब्रेन की गोल्ड माल्ट
ब्रेड,रोटी,पराँठे पर जैम की तरह लगाकर भी लिया जा सकता है ।
जब ज्यादा तनाव यामानसिक अशांति हो,तो तत्काल 2 से 3 चम्मच खाकर ऊपर से चाय,दूध या जल पी सकते हैं ।
भूख लगने पर -
बहुत ज्यादा भूख लगने पर भी इसे कभी भी जल के साथ लेने पर प्रोटीन,विटामिन व मिनरल्स की पूर्ति करता है जिससे पाचन तन्त्र ठीक रहता है । कब्ज के कब्जे से मुक्ति के लिए बहुत ज्यादा कब्ज होने या पेट खराब हो,तो सुबह खाली पेट 3 से 4 चम्मच गर्म गुनगुने दूध के साथ दिन में 3 या 4 बार 7 दिन तक लगातार लेना चाहिए ।
तनाव, सिरदर्द में-
भयँकर सिरदर्द होने पर 2 से 3 चम्मच गर्म चाय के साथ लें ।
सावधानी- क्या न करें स्वस्थ जीवन हेतु ध्यान दे
- दही युक्त पदार्थ न लेवें ।
- रात्रि में फल,जूस,सलाद के सेवन से बचें
- सप्ताह में एक बार मूंग की दाल जरूर खाएं
- रात्रि में ज्यादा गरिष्ठ या तला भोजन न लें ।
- सुबह उठते ही कम से कम 3 से 4 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए ।
- दिन भर में 5 से 7 लीटर पानी अवश्य पीयें
आयुर्वेद के एक ग्रंथ "जल चिकित्सा" में बताया है कि अधिक पानी पीने से कभी चेहरे पर कील,मुहाँसे,दाग-धब्बे,झुर्रियां नहीं पड़तीं । बुढापा जल्दी नहीं आता । व्यक्ति युवा बना रहता है ।
महिलाओं को मासिक धर्म बिना किसी तकलीफ के समय पर होता है । सुबह 2 से 5 किलोमीटर टहलना चाहिए। बिना स्नान-ध्यान के अन्न ग्रहण न करें, तो शरीर में विशेष ऊर्जा का संचार होता है । फुर्ती बनी रहती है । कभी बेचेनी महसूस नहीं होती ।
स्वस्थ्य बनाएं-रोग मिटायें-
अमृतम की कुछ विशेष दवाएँ- हाथ-पैर,जोड़ों,कमर,गर्दन,या पूरे शरीर में कहीं भी लगातार दर्द रहता हो,तो
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट एवं गोल्ड कैप्सूल का सेवन करें ।
"बाल झड़े,तो अन्य दवाओं के पीछे न पड़े"
कुन्तल केयर हर्बल हेयर बास्केट मंगाए
ये केशवर्द्धक 5 प्रकार की ओषधियों के बारे में जानने हेतु हमारी वेवसाइट देखें ।
नारियों की सुन्दरता, खूबसूरती बढ़ाने में नारी सौन्दर्य माल्ट सभी स्त्री रोगों को मिटाने हेतु चमत्कारिक हर्बल माल्ट मंगवा सकते हैं ।
लिवर की खराबी या यकृतशोथ,अथवा कोई भी कितना पुराना यकृत रोग में कीलिव माल्ट सर्वश्रेष्ठ हानिमुक्त ओषधि है ।
केवल पुरुषों हेतु बी.फेराल माल्ट बल-वीर्य व पुरुषार्थ व्रद्धि में सहायक है ।
और क्या चाहिये स्वस्थ जीवन हेतु, जब ।।अमृतम।। हर पल आपके साथ हैं हम जो असाध्य व पुराने रोगों का काम खत्म करनेसदेव साथ है लॉगिन करें -

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