नल-दमयंती ताल – उत्तराखंड का रहस्यमय प्राकृतिक स्थल Nainital

  1. भीमताल से लगभग 2 किमी दूरी पर नैनीताल में एक प्राकृतिक झील स्थित है! इस नल-दमयन्ती ताल कहते हैं! मान्यता है कि इस ताल में समान करने से शनि और राहु का प्रकोप कम होता है!



नल-दमयंती ताल की कहानी


  1. उत्तराखंड में नैनीताल जिले में स्थित नल-दमयंती ताल अपने रहस्यमय और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह झील भिमताल से महज 2 किमी दूर स्थित है और एक प्राकृतिक सुंदर स्थल है।

  2. नल-दमयन्ती झील का नाम महाभारत की कथा से जुड़ा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि राजा नल को पुष्कर में जुये में हराया गया था।
  3. नल-दमयंती ताल के आसपास दमयंती ने अपने समय का अधिकांश भाग बिताया।

  4. लोकश्रुति के अनुसार, नल का महल ताश के पत्तों की तरह गिर गया और उसी स्थान पर यह तालाब बन गया।


रोचक तथ्य:

  1. तालाब की मछलियाँ जली हुई दिखाई देती हैं। स्थानीय मान्यता है कि अगर कोई इन्हें पकड़े तो उस पर नल-दमयंती जैसी विपत्ति आएगी।



ऐतिहासिक और साहित्यिक विरोधाभास



नल-दमयंती ताल का पर्यटन महत्व

  1. नल-दमयंती ताल केवल एक रहस्यमय स्थल नहीं, बल्कि पर्यटकों के लिए शांतिपूर्ण और प्राकृतिक अनुभव का केंद्र भी है।
  1. प्रकृति प्रेमियों के लिए: ताल के चारों ओर हरियाली और पहाड़ियाँ।
  2. फोटोग्राफी के लिए: झील का शांत और साफ पानी अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
  3. स्थानीय संस्कृति: ताल के आसपास की कहानियाँ और जनश्रुतियाँ अनुभव को और रोचक बनाती हैं।


  1. यात्रा मार्ग और सुझावनजदीकी हवाई अड्डा: Pantnagar हवाई अड्डा (लगभग 65 किमी)
  2. रेलवे स्टेशन: नैनीताल रोड
  3. सड़क मार्ग: भिमताल से 2 किमी की सड़क मार्ग यात्रा
  4. सुझाव:
  5. सुबह या शाम के समय ताल की सैर करें।
  6. कैमरा जरूर साथ रखें।
  7. स्थानीय लोगों की मान्यताओं का सम्मान करें
  8. निष्कर्ष

  9. नल-दमयंती ताल सिर्फ एक झील नहीं, बल्कि कहानी, रहस्य और प्राकृतिक सुंदरता का मिश्रण है। यहाँ आने से आप न केवल नैनीताल की सुंदरता देखेंगे बल्कि भारतीय महाकाव्य महाभारत की कथाओं का अनुभव भी कर पाएंगे।

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