दसराह को राहु काल में १० दिशाओं में दस दीपक Raahukey oil के जलाकर अपने दुर्भाग्य को भी जला सकते हैं! जाने रोचक रहस्य

🔱 दसराह आश्विन शुक्ल दशमी को धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में कुंभ राशि में चंद्रमा के गोचर पर मनाई जाती है। जानिए कैसे दसों दिशाओं में Raahukey Oil के दीपक जलाकर स्थिर लक्ष्मी और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करें।


🌟 दसराह – दसों दिशाओं में शुभ ऊर्जा का पर्व

उत्तरांचल यात्रा के दौरान अमृतम पत्रिका के अशोक जी गौमुख से आकाशगंगा मार्ग में सप्तऋषि वंश के ब्रह्मर्षि साधक से मिले और उन्होंने बताया कि:


“दशहरा का असली नाम दसराह है। इसका अर्थ है – दसों दिशाओं की राहें खुलना। वर्षा ऋतु के बाद मार्ग साफ होते हैं और आकाश निर्मल होता है।”

दसराह केवल रावण वध का प्रतीक नहीं है।

यह दसों दिशाओं में शुभ ऊर्जा और सकारात्मक परिवर्तन का पर्व है।



🌌 दसराह का शुभ समय: धनिष्ठा नक्षत्र और कुंभ राशि

दसराह आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में कुंभ राशि पर जब चंद्रमा गोचर में होता है, सबसे शुभ माना जाता है।

  1. इस समय पूजा और उपाय करने से ऊर्जा प्रवाह अधिकतम होता है।
  2. वाहन, उत्पादन संयंत्र, मशीनरी और उपकरणों की पूजा करना अत्यंत फलदायी है।
  3. Raahukey Oil के दस दीपक राहु काल में जलाना शुभ माना जाता है।


🔮 Raahukey Oil और दीपक का महत्व

  1. Raahukey Oil के दीपक राहु काल में जलाने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
  2. दीपक दसों दिशाओं में जलाने से स्थिर लक्ष्मी और समृद्धि आती है।
  3. यह उपाय घर, कार्यस्थल और संयंत्र में सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है।


🙏 देवी महानंदा का वरदान

  1. रावण के कुल की बहन महानंदा देवी ने शिव से वरदान पाया:

“जो हमारे कुल और वंश की बुराई करेगा, उसके घर महालक्ष्मी (शिवशक्ति) स्थायी रूप से निवास न करें।”

  1. स्थिर महालक्ष्मी स्थायी सुख और ऐश्वर्य देती हैं।
  2. चंचल विष्णुपत्नी लक्ष्मी केवल अस्थायी सुख देती हैं।
  3. दसराह और दीपक पूजा से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास बना रहता है।


⚡ रावण और दसराह का सांस्कृतिक महत्व

  1. रावण महान विद्वान, आयुर्वेदाचार्य और शिवभक्त थे।
  2. उन्होंने शिव तांडव स्तोत्र जैसी अमर रचना की।
  3. दसराह का वास्तविक महत्व है – दसों दिशाओं में ऊर्जा का प्रवाह और सकारात्मक परिवर्तन।


🌌 वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि

  1. वैज्ञानिक दृष्टि
  2. वर्षा ऋतु के बाद मार्ग खुलते हैं।
  3. आकाश निर्मल और ऊर्जा प्रवाह सुगम।
  4. नया कार्य और संयंत्र आरंभ करने के लिए सर्वोत्तम समय।

  5. आध्यात्मिक दृष्टि
  6. नवरात्र में शक्ति संचित होती है।
  7. दसराह के दिन यह ऊर्जा दसों दिशाओं में प्रवाहित होती है।
  8. Raahukey Oil के दीपक राहु काल में जलाने से नकारात्मकता कम होती है।


📌 निष्कर्ष

दसराह केवल रावण वध का पर्व नहीं है।

यह दसों दिशाओं में शुभ ऊर्जा और अवसरों का पर्व है।

  1. अपने वाहन, संयंत्र, मशीनरी और उपकरणों की पूजा करें।
  2. Raahukey Oil के दस दीपक राहु काल में जलाएँ।
  3. पंचक और दीपावली भी इसी से जुड़े हैं।
  4. स्थिर महालक्ष्मी केवल सकारात्मक और आदरपूर्ण वातावरण में निवास करती हैं।


Q2. Raahukey Oil के दीपक क्यों जलाएँ?


👉 राहु काल में दीपक जलाने से नकारात्मक प्रभाव शांत होते हैं और स्थिर लक्ष्मी का वास होता है।

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