नारियल पानी न केवल प्यास बुझाता है, बल्कि मन, शरीर और आत्मा -तीनों को तरोताज़ा करता है। यह प्रकृति की ऐसी भेंट है जो दवा भी है और दावत भी!
- नारियल पानी -धरती का प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक है! नारियल पानी को अंग्रेज़ी में कहते हैं Coconut Water और इसे डॉक्टर Natural IV Fluid कहते हैं, क्योंकि इसमें वो सब तत्व हैं जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं!
- पोटैशियम
- सोडियम
- मैग्नीशियम
- कैल्शियम
- ग्लूकोज
- इसलिए जब शरीर में पानी या लवण की कमी हो जैसे उल्टी, दस्त, लू, बुखार में तो नारियल पानी तुरंत ऊर्जा और संतुलन लौटाता है।
आयुर्वेद कहता है – ये अमृत तुल्य जल है
नारिकेलोदकं शीतलं, तृष्णा पित्तज विकारहृत्।
- यह शीतल है और पित्त से जुड़ी सभी बीमारियाँ दूर करता है।
- नारियल, नारिकेल, खोपरा, श्रीफल को आयुर्वेद में अमृत बताया है! नारियल सिर्फ फल नहीं! यह देवताओं का आशीर्वाद, शरीर का टॉनिक और मन की शांति का प्रतीक है।
अथ नारिकेलः (नारियल) तन्नामानि तत्फलसाधारणगुणाँश्चाह
नारिकेलो दृढफलो लाङ्गली कूर्चशीर्षकः।
तुङ्गः स्कन्धफलश्चैव तृणराजः सदाफलः!!
नारिकेलफलं शीतं दुर्जरं वस्तिशोधनम्।
विष्टम्भि वृंहणं बल्यं वातपित्तास्त्रदाहजुन् ॥३९॥
- नारियल के संस्कृत नाम नारिकेल, दृढफल, लाङ्गली, कूर्चशीर्षक तुङ्ग, स्कन्धफल, तृणराज तथा सदाफल ये सब है।
- चाहे पूजा की थाली में हो या रसोई की, नारियल हर रूप में स्वास्थ्य, सौंदर्य और समृद्धि का वाहक है।
यः श्रीफलं नित्यं सेवते, तस्य शरीरं बलवान् भवेत्।
- अर्थात-जो व्यक्ति नियमित नारियल का सेवन करता है, वह दीर्घायु, बलवान और तेजस्वी होता है।
नारियल पानी पीने से आयेगी जवानी
- दादी-नानी वर्षों से नारियल की चटनी खिलाती रहीं! क्योंकि ये पेट में कीड़ों को उत्पन्न नहीं होने देता! आंतों को साफ़ रखता है!
घरेलू चिकित्सा में नारियल के उपाय
- नारियल पानी + गुड़ + धनिया पेशाब में जलन दूर करता है
- खोपरा + मूली का रस चूहे के काटने पर लाभकारी!
- नारियल की राख + शहद उल्टी, हिचकी रोकता है
- नारियल तेल + कपूर त्वचा रोग, खुजली, फंगल इंफेक्शन से बचाए!
- सूखा खोपरा + इमली बीज की छाल पुराने घावों पर लाभकारी!
- त्वचा व सौंदर्य-नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाने से खुजली, दाग, फोड़े-फुंसी और दाग-धब्बे मिट जाते हैं।
- बच्चों के लिए टॉनिक- शक्कर के साथ खोपरा खिलाने से बच्चों का शरीर पुष्ट होता है और आंखों की ज्योति बढ़ती है।
- हृदय और रक्तचाप में लाभकारी- कच्चे नारियल का जल रक्त में LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) घटाता है,और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ाता है, जो हृदय को दीर्घायु बनाता है।
- छोटे बच्चों को शक्कर या गुड़ के साथ खोपरा लाने से उनका दुबला-पतला शरीर हष्ट-पुष्ट बनता शरीर में चर्बी बढ़ती है।
- गर्भवती महिलाओं को खोपरा खिलाने से होने वाले चे की नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- भावप्रकाश निघण्टु आयुर्वेदिक ग्रंथ कथनानुसार नारियल लाइसिन और ट्रीप्टोफेन एबेमाइनो एसिडों (प्रोटीन्स के घटक) से परिपूर्ण होता है।
- नारियल के पानी में मैग्नीशियम और कैल्शियम की मात्रा भी रहती है।
- सूखा खोपरा गर्म, रूक्ष और पित्तकारक है। यह खांसी उत्पन्न करता है। खोपरे के साथ दूध का सेवन अधिक लाभप्रद नहीं है।
- खोपरा पौष्टिक है. इसका पाक बना कर खाने से 20 प्रकार का प्रमेह दूर होता है।
- बल-वीर्य वर्धक खोपरे का पाक
घृतं, मिश्रीं, बादामगिरीं च युक्तं नारिकेलं बलदं सुखप्रदम्।
- नारियल पाल या अवलेह-माल्ट बनाकर खाने से वीर्य में वृद्धि होती है व सम्भोग शक्ति बढ़ती है। नारियल पाक बनाने विधि इस प्रकार है-
- एक किलो खोपरे को कद्दूकस कस लें या रेती से रेत लीजिये। आठ किलो गाय का मावा लें और उसमें घिसे हुए खोपरो को डालकर जब मावा तैयार हो जाये, तब 600 ग्राम गाय का डाल कर उसे मंद-मंद आग में भून लें।
- तदनन्तर 300 म बादाम गिरी पीस कर डाल लें। ढाई किलो मिश्री चासनी लें, तीन तार की चासनी लें। जब चाशनी आ ए तो उक्त खोपरे का मावा उसमें डालकर थाल में बर्फी ना लें। थोड़ा पिस्ता भी बुरक दें। इसके पश्चात् इसका वन करें।
नारियल का फल -
- शीतल, दुर्जर (देर में इजम होने वाला), वस्तिशोधक, विष्टम्मक, वृंहण (रस-रक्तादिवर्धक), बलकारक एवम् वात, पित्त, रक्तविकार तथा दाइ को दूर करने वाका होता है!
अथ कोमलजीर्णतत्फलयोर्गुणान।
ह विशेषतः कोमलनारिकेलं निहन्ति पित्तश्वरपित्तदोषान्!
तदेव जीर्णं गुरु पित्तकारि विदाहि विष्टरिभ मतं भिषग्भिः!!
- नारियल का कोमल फल- विशेषतः पित्तज्वर तथा पित्तदोष को दूर करने वाला होता है ! पुराना फल-गुरु, पित्तकारक, विदाही तथा विष्टम्मक होता है ऐसा वैद्यों का मत है!
धार्मिक, आयुर्वेदिक, औषधि और सांस्कृतिक रहस्य
- श्रीफलं सर्वदोषघ्नं, शुभं सौभाग्यवर्धनम्।
- नारियल सभी दोषों का नाश करता है और सौभाग्य बढ़ाता है।हिंदू विवाह, गृहप्रवेश, पूजा और यज्ञ में नारियल चढ़ाना जीवन के शुभारंभ का प्रतीक है। नारियल का तीन-छिद्र वाला स्वरूप त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक माना गया है। इसलिए इसे तोड़ना नारियल फोड़ना केवल क्रिया नहीं अहंकार का समर्पण है।
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नारियल तेल का रहस्य और लाभ
- दक्षिण भारत और श्रीलंका में नारियल तेल को जीवनद्रव्य कहा गया है। यह बालों के लिए प्राकृतिक कंडीशनर है! सिरदर्द, रूसी और बाल झड़ने में चमत्कारी है।
- वैज्ञानिकों ने इसे Medium Chain Triglycerides (MCT)” का सर्वोत्तम स्रोत माना है, जो मस्तिष्क और नाड़ी तंत्र को ऊर्जा देता है।
- नारियल सिर्फ फल नहीं, यह पूर्ण पौष्टिक पैकेज है। हर भाग उपयोगी है! फल, जल, तेल, रेशा, छिलका, पत्ते, लकड़ी।
- नारियल में लाइसिन, ट्रिप्टोफेन, मैग्नीशियम और कैल्शियम पाए जाते हैं! ये अमीनो एसिड शरीर में प्रोटीन संश्लेषण, दिमागी संतुलन और प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाते हैं।
नारियल पानी -प्रकृति का IV Fluid
नारिकेलोदकम् पीत्वा दोषत्रय निवारणम्।
- नारियल का जल पीने से तीनों दोष वात, पित्त, कफ संतुलित होते हैं। आयुर्वेद कहता है कि नारियल का पानी शीतल, क्षारीय और मूत्रशोधक होता है।
- हैजा, पथरी, उल्टी, दस्त, ज्वर और उच्च रक्तचाप में अत्यंत लाभकारी है। इसमें पोटैशियम, सोडियम और इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर को तुरन्त Hydrate करते हैं।
- डॉक्टर्स भी गंभीर डिहाइड्रेशन में नारियल जल को Natural ORS मानते हैं।
आयुर्वेदिक लाभ मूत्र व पथरी रोग में अमृत
- नारियल पानी मूत्राशय को ठंडक देता है और गुर्दे की पथरी गलाने में मदद करता है।
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