सुबह घूमने से शाम को दो पैग पीकर झूमने से और रात को चूमने से जल्दी बुढ़ापा नहीं आता

सुबह घूमने से

रात चूमने से

और शाम पैग पीकर झूमने से जल्दी बुढ़ापा नहीं आता!

  1. अगर आप भी सोच रहे हैं कि जवानी कैसे टिके, तो ये कोई गुप्त तंत्र-मंत्र नहीं, बस थोड़ी सी सुबह की सैर, थोड़ा सा प्यार का तड़का और हल्का-फुल्का झूमना ही काफी है। बुढ़ापा तो वैसे भी तभी आता है जब इंसान मुस्कुराना बंद कर दे!


सुबह घूमने से झुर्रियाँ डर के भागती हैं!

रोज़ाना 20–30 मिनट टहलने से

  1. चेहरा खिला रहता है
  2. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
  3. मूड बना रहता है! जैसे कोई रोमांटिक गाना बज रहा हो!

रात चूमने से नूर चमकता है और तनाव भागता है


  1. वैज्ञानिक और प्रेमी दोनों मानते हैं थोड़ा सा प्यार, थोड़ा सा नज़दीक आना, तनाव को ऐसे भगा देता है जैसे पड़ोसी की बिल्ली किचन से भगाते हैं!
  2. प्यार भरे kiss किस से एंडॉरफिन और ऑक्सीटोसिन रिलीज़ होता है!दिल की धड़कन बनी रहती है जवां बुढ़ापा दूर और जवानी पास रहती है!


  1. शाम पैग पीकर झूमने से चेहरे पर रौनक और मूड में टॉनिक अब बात करें हल्के-फुल्के झूमने की थोड़ा सा पैग (सीमित मात्रा में, डॉक्टर वाला डिस्क्लेमर थोड़ा झूमना — और आप 25 के लगते हैं, 55 में भी!
  2. लेकिन ध्यान रखें ज़्यादा पीना = झूमना नहीं, गिरना कहलाता है! कम मात्रा में हँसी-मज़ाक के साथ पीना मूड को रिलैक्स करता है।यही बुढ़ापा भगाने का देसी फॉर्मूला है!
  3. तन-मन को फिट रखने का सीधा सरल सूत्र है कि प्रातः घूमो! शाम को पीकर झूमो और रात को चूमो! इससे देह में रोगों का वास ना होगा और ६०-७० तक जवानी व वासना, सेक्स क़ायम रहेगा!

  1. हमारे आयुर्वेदिक ग्रंथों में रोज़ पैदल चलने का निर्देश दिया है! कम से कम दस हज़ार कदम चलने से आपको अपनी देह से लगाव हो जाएगा और पराई नार को आपसे प्यार!
  2. जीवन को धारदार बनाने के लिए श्री दशानन रावण ने अपने सभी ग्रंथों में लिखा है कि शरीर को तकलीफ़ देंगे, तो ये आराम देगा और तन को ऐराम देने से ये रोगों से परेशान कर डालेगा!
  3. शिव तांडव स्तोत्र के एक श्लोक में शरीर को तेंदुआ रखने का एक छन्द, श्लोक का भी यही कहना है!

स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं

गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे!

अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-

रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ ।

स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं

गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे!!

  1. खुश रहने वाले मस्त लोगों का अनुभव है कि हमेशा स्वस्थ प्रसन्न रहने के लिए सुबह घूमने की और रात चूमने की आदत बना लेना चाहिए!
  2. पाइन का शौक हो तो शाम को २-४ पैग लेकर जोड़ से झूमने में भी कोई बुराई नहीं है!

चलना ही जिंदगी है रुकना है मौत तेरी-

  1. शरीर का असली चार्जर जितनी देर मोबाइल चार्ज करते हैं, उससे आधा टाइम अगर खुद चल लें, तो न पेट निकलेगा, न सांस फूलेगी!
  2. आयुर्वेदिक वैज्ञानिक दृष्टि से, एक स्वस्थ वयस्क को रोज़ाना 8000–10000 कदम या लगभग 30–45 मिनट चलना चाहिए।

घूमना ही गूगल सर्च है!

“पदभ्रमणं स्वास्थ्यं, पदभ्रमणं सुखं।

पदभ्रमणेन लभ्यते, हृदि आनंदं अनन्तकम्॥”

चलना ही स्वास्थ्य है, चलना ही सुख है। चलते रहने से दिल में अनंत आनंद खिलता है! जब आप चलते हैं, तो शरीर सिर्फ़ कैलोरी नहीं जलाता मन भी खुल जाता है — जैसे वाईफाई पर नेट स्पीड अचानक तेज़ हो जाए!

चलो, चूमो, घूमो, झूमो थ्योरी

  1. क्योंकि फिटनेस सिर्फ़ एक्सरसाइज़ नहीं — मूड का मूवमेंट है!! चलो सुबह की ठंडी हवा में तन को जगाओ चूमो ज़िंदगी को प्यार से गले लगाओ किसी को नहीं तो खुद को आईने में घूमो गली, बगीचा या छत — घूमते जाओ, मस्त रहो झूमो कदम बढ़ाओ और मन को गुनगुनाने दो…“चलते चलो!

पदभ्रमणं नित्यं, तनुते तेज: शरीरकम्।

चलनं झूमनं च, स्वास्थ्यं जनयेत् सदा॥

  1. रोज़ चलना और झूमना शरीर में तेज़ और स्वास्थ्य दोनों बढ़ाता है। याद रखें: चलना एक योग है, कोई प्रतियोगिता नहीं! जितना मन करे, उतना चलो — झूमो… हंसो… और अपने भीतर के फिटनेस सुपरस्टार को बाहर लाओ

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