बुद्धि शुद्धि और मेहनत के सहारे ही गरीबी से मुक्ति पाना संभव है! ध्यान से पहले धन ही सफलता का नया मंत्र

  1. त्राटक या टका? दिव्य दृष्टि से ज़्यादा काम आता है धन की शक्ति”
  2. आज के युग में त्राटक से ज़्यादा प्रभावी है धन सिद्धि! त्राटक साधना का सच: अब बिना टके कुछ नहीं टिकता! दिव्य दृष्टि तभी खुलती है जब जेब में दम होता है

  1. आज के दौर में कोई भी सीधी आसानी से नहीं पाई जा सकती क्योंकि प्रकृति का वातावरण बुरी तरह अशुद्ध और छलनी हो चुका है! आप केवल रात दिन मेहनत कर पैसा कमाने पर ध्यान दो!

  1. धन स्वयं में सबसे बड़ी सिद्धि है! बिना टके के सबको टकटकी लगाएं देखते रहोगे, तो कुछ नहीं मिलेगा! बीना यकायक सब व्यर्थ है! आज उन्हीं का फटाफट हो रहे हैं जिन पर टका है!

आप बीती सीधी नहीं- विचारों की शुद्धि करो!

  1. हमने भी अनेक सिद्धियाँ पाने का प्रयास किया और डिप्रेशन में आ गए! हालाँकि इससे बाद में बेशुमार लाभ हुआ! लेकिन तुरंत कोई फल नहीं मिला और आख़िर में शिवभक्ति और राहु काल में Raahukey तेल के दीपक जलाना!
  2. सुबह जल्दी उठाना आदि कोशिश और मेहनत ही रंग लाई! बुद्धि से ही बदहाली, गरीबी की शुद्धि होती है!
  3. आज amrutam देश दुनिया का विशाल और विश्वविख्यात ब्रांड केवल महादेव और गुरुकृपा से ही बन पाया!

त्राटक, दिव्य दृष्टि और टके की ताकत का रहस्य ✨

  1. लोग पूछते हैं क्या त्राटक से दिव्य दृष्टि पाई जा सकती है? हाँ, पर आज के दौर में यह उतना सरल नहीं जितना ग्रंथों में लिखा गया है। क्योंकि वातावरण अब शुद्ध नहीं रहा! मनुष्य की जीवनशैली भागमभाग में बदल गई है और ध्यान से ज़्यादा ध्यान अब धन पर टिका हुआ है।

त्राटक का प्राचीन उद्देश्य

  1. त्राटक का अर्थ है किसी एक बिंदु पर ध्यानपूर्वक दृष्टि को केंद्रित करना। पुराने समय में साधक शुद्ध वातावरण में साधना कर दिव्य दृष्टि प्राप्त कर लेते थे।
  2. परंतु आज -प्रदूषण, मानसिक तनाव और आर्थिक दबाव ने इस प्रक्रिया को जटिल बना दिया है। धन ही आज की “तेज़ सिद्धि” सच्चाई ये है
  3. बिना टके के सबको टकटकी लगाकर देखते रहोगे, तो कुछ हाथ नहीं आएगा! आज के युग में जो धनवान है, उसके लिए साधन, साधना और सफलता सब फटाफट खुलते हैं।धन स्वयं में एक सिद्धि है क्योंकि यह अवसर, साधन और समाज में प्रभाव देता है

धनं यत्र प्रवर्तते, सिद्धिर्मनसा तत् स्थले।

त्राटकं तु सहायं स्यात्, परं बलं धनं स्मृतम्॥”

  1. जहां धन होता है, वहां मन की सिद्धि सशक्त होती है। त्राटक सहायक बनता है, पर असली बल धन में ही माना गया है!

भारत देश में quora पर सबको प्रेरणादायक संदेश

  1. दिव्य दृष्टि हो या भौतिक सफलता दोनों के लिए धैर्य, प्रयास और संसाधन ज़रूरी हैं।धन कमाना केवल भौतिक नहीं, एक मानसिक ऊर्जा भी है और जब धन, ध्यान और दिशा एक साथ आते हैं, तब चमत्कार होता है।ध्यान करो, धन कमाओ, और दिशा तय करो! तभी दिव्यता भी तुम्हारा साथ देगी।

🪔 साभार — http://brainkey.in एवं amrutampatrika.com

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