ग्रह डराते नहीं आगे बढ़ाते हैं! प्रेरणादायक ये ब्लॉग भ्रम मिटा देगा!

  1. क्या आपको लगता है कि ग्रह आपका भाग्य बिगाड़ते हैं? ये सबसे बड़ा भ्रम है! ग्रह शत्रु नहीं — चेतना के संकेतक हैं।
  2. कुंडली जेल नहीं, दिशा है। राहु डराता नहीं — जाग्रत करता है! शनि दंड नहीं देता — तपस्या सिखाता है।

ग्रहा न हन्ति पुरुषं, कर्मैव फलदायकम्!

  1. ग्रह कुछ नहीं करते — कर्म ही फल देता है। अब डरिए मत… जागिए। ज्योतिष भाग्य नहीं, आत्मज्ञान का विज्ञान है। ग्रहों से मत भागो! उन्हें समझो!


ज्योतिष और ग्रहों का भ्रम और सच्चाई

  1. भारत में ज्योतिष शास्त्र हजारों वर्षों से मनुष्य के जीवन का मार्गदर्शन करता आया है। लेकिन समय के साथ इसमें कई भ्रम और गलत धारणाएँ भी जुड़ गई हैं — जिनसे सच्चे ज्ञान का प्रकाश धुंधला पड़ गया है।

  1. आज ज़रूरत है- ग्रहों के डर को मिटाने की और ज्ञान के मूल को समझने की।

ग्रह शत्रु नहीं — चेतना के संकेतक हैं

  1. बहुत से लोग मानते हैं कि ग्रह जीवन में दुर्भाग्य लाते हैं, लेकिन शास्त्रों में स्पष्ट लिखा है कि — ग्रह न तो किसी को सताते हैं और न ही किसी का भाग्य बिगाड़ते हैं। वे केवल कर्म के दर्पण होते हैं।

ग्रहा न हन्ति पुरुषं, कर्मैव फलदायकम्।

ग्रहा तु सूचकास्तत्र, न दाता सुखदुःखयोः॥

  1. ग्रह किसी को नष्ट नहीं करते। फल तो कर्म ही देते हैं। ग्रह तो केवल यह संकेत देते हैं कि जीवन में कौन-सी ऊर्जा प्रबल है। कोई भी ग्रह दैत्य , क्रूर या असुर नहीं! वे आपके कर्म और मानसिक तरंगों के संकेतक हैं।

जन्मकुंडली यानि प्रवृत्ति का नक्शा, भविष्य की जेल नहीं

  1. जन्मकुंडली का अर्थ यह नहीं कि भविष्य लिखा हुआ है। यह तो केवल यह बताती है कि कौन-से गुण, प्रवृत्तियाँ और चुनौतियाँ आपके जीवन में अधिक प्रभावशाली होंगी।

जन्मलक्षणमात्रेण, निःश्रेयसं न सिद्ध्यति।

पुरुषार्थेन लभ्यन्ते, सिद्धयो न क्षणेन हि॥

  1. अर्थात्-सिर्फ जन्म के लक्षणों से सफलता तय नहीं होती। उपलब्धियाँ तो पुरुषार्थ (स्वयं के प्रयास) से ही मिलती हैं। कुंडली दिशा दिखाती है! बस, फैसला आप करते हैं।

राहु, केतु, शनि आदि को लेकर डर! एक बड़ा भ्रम

  1. लोग कहते हैं — राहु काल मत निकलो, शनि पीड़ा देता है, केतु बर्बाद कर देता है! लेकिन वास्तविकता में ये ग्रह भय नहीं देते, आत्मचेतना को जागृत करने का अवसर देते हैं।

शनिर्न शत्रुः खलु, तपस्यैव स मित्रकः!

राहुः स्ववासनां भेत्ति, केतुः ज्ञानप्रदायक:!!

  1. शनि शत्रु नहीं! तपस्या से मित्र बन जाता है। राहु हमारी आसक्तियों को तोड़ता है, और केतु ज्ञान देता है। ग्रहों से डरना नहीं — उन्हें समझना और उनके साथ चलना सीखना ही असली ज्योतिष है।

कोई भी उपाय कर्म से श्रेष्ठ नहीं हो सकते!

  1. ग्रहों के नाम पर ताबीज़, रत्न और डर बेचने वालों की कमी नहीं। शास्त्रों में लिखा है — कोई भी उपाय पुरुषार्थ (अपने प्रयास) से बड़ा नहीं हो सकता। रावण सहिंता के अनुसार

न मन्त्रैः न तन्त्रैः न दानैरपि कर्मैव नश्यति दुःखदायी ग्रहाः!!

  1. अर्थात् न मंत्र, न तंत्र, न दान — कुछ भी ग्रहदोष नहीं मिटा सकता, सिवाय अपने अच्छे कर्मों के।
  2. शिव भक्ति ही असली उपाय और ज्ञान, पुरुषार्थ आत्मानुशासन।

ज्योतिष का उद्देश्य डराना नहीं — जागृत करना है

  1. ज्योतिष केवल भाग्य बताने का विज्ञान नहीं है। यह आध्यात्मिक और मानसिक विकास का विज्ञान है। ग्रह आपको रोकने नहीं आते, आपको अपनी छिपी शक्ति से परिचित कराने आते हैं।

ज्योतिषं प्रकाशकं ज्ञानस्य, न तु भयस्य कारणम्।

अन्तर्बोधं ददात्येव, मोक्षमार्गं प्रसाधयेत्॥

  1. ज्योतिष भय नहीं, ज्ञान का प्रकाश है। यह आत्मबोध का मार्ग दिखाता है।
  2. ग्रहों को दोष देना बंद करें! स्वयं की शक्ति को पहचानना ही ज्योतिष का सच्चा अर्थ है।

जीवन में ज्योतिष भ्रम के साथ नहीं, ज्ञान संग अपनाएँ

  1. ग्रह आपके शत्रु नहीं — आपके शिक्षक हैं।
  2. कुंडली भविष्य का फाँसला नहीं — दिशा दिखाने वाला नक्शा है।
  3. उपाय कोई जादू नहीं — कर्म ही चमत्कार है।
  4. ज्योतिष डराने के लिए नहीं — जगाने के लिए है।
  5. ११०० पेज का रावण रहस्य विशेषांक और ज्योतिष के दुर्लभ रहस्यों को जानने के लिए brankey.in की लिंक ९९२६४५६८६९ पर ह्वाट्सऐप कर दीपक से मंगवायें

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