अरे मन, समझ समझ पग धरिये अशांत मन को प्रसन्न रखने का उपाय
- मन की शांति बाहर नहीं, अंदर की ध्वनि में छिपी है। हर बार जब मन भटके, तो मंत्र जपो! श्वास सुनो और खुद से जुड़ो। यही आधुनिक युग की सबसे सरल, सस्ती और सच्ची थेरेपी है।जहां नाद है, वहीं आनंद है; जहां मंत्र है, वहीं मन का केंद्र है। आजकल दिमाग की हालत इस चित्र की तरह है!
मंत्रो हि मनसः शुद्धिं, ध्वनिना नाशयेत् भृशम्।
यः पठेत् शिवनामानि, तस्य मनः प्रसाद्यते॥
- मंत्र ध्वनि मन की अशुद्धियों को नष्ट करती है; जो शिव नाम का जाप करता है, उसका मन प्रसन्न हो जाता है।
- अशांत मन को शांत करने का विज्ञान: मंत्रों की शक्ति और मनोवैज्ञानिक रहस्य
- आज हर व्यक्ति यही पूछता है! मन को कैसे शांत करें?”क्योंकि मन अब सोचने से ज़्यादा भागने लगा है। तनाव, सोशल मीडिया, स्पर्धा और असंतोष इन सबने मन को एक तूफान बना दिया है।
- परन्तु क्या आप जानते हैं? विज्ञान और अध्यात्म — दोनों मानते हैं कि मंत्र ध्वनि ऊर्जा सीधे मस्तिष्क की तरंगों पर असर डालती है।
विज्ञान के अनुसार मंत्र है न्यूरो-वाइब्रेशन थेरेपी
- जब आप किसी मंत्र का नाद (vibration) दोहराते हैं, तो यह आपके ब्रेन वेव्स (Brain Waves) को बीटा से अल्फा अवस्था में ले जाता है! जहां तनाव स्वतः घटता है और मन स्थिर होता है।आधुनिक न्यूरोसाइंस में इसे सोनिक मेडिटेशन (Sonic Meditation) कहा गया है।
सर्वश्रेष्ठ मंत्र !!ॐ नमः शिवाय!!
- यह पंचाक्षरी मंत्र (पाँच ध्वनियों से बना) मन के पाँच विकारों जैसे-काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार — को शांत करता है। उच्चारण विधि- गहरी सांस लें, धीरे से बोलें ॐ… नमः… शिवाय! पाँच बार, फिर मौन होकर बस स्वर के कंपन को महसूस करें।
🧘♀️ अन्य उपयोगी अमृतम मंत्र-
- ॐ शांति शांति शांति: !! यह मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस पर सीधा असर डालता है, जिससे तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल कम होता है। सोऽहम् ईसका अर्थ है मैं वही हूँ, जो आपको आत्मा और चेतना से जोड़ता है!
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