आमिर कैसे बने! गरीबी मिटाने का आसान उपाय जाने

  1. वन रूपी जीवन में मंगल उत्सव और उत्साह के लिए ही श्रीदशानन ने आठ प्रकार के सुख पाने की कामना से अष्टलक्ष्मी की वेदों में खोज की और पूजा, प्रयोग, उपासना के द्वारा ऐश्वर्य प्राप्त किया!
  2. रावण ज़िद्दी था और ज़िद्दी पुरुष ही अपने चार पुरुषार्थों द्वारा जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं! रावण सहिंता का वाक्य है कि जिद्द करो और दुनिया बदलो!

रावण और अष्टलक्ष्मी का गुप्त सूत्र

  1. मंत्र महोदधि ग्रंथ में कहा गया- यः लक्ष्मी रहस्यम् जानाति, स न कदाचित् दरिद्र भवति। अर्थात — जो अष्टलक्ष्मी के रहस्य को जानता है, वह कभी निर्धन नहीं रहता। रावण ने इस सिद्धि को अपने तांत्रिक यंत्रों में स्थापित किया था। यही कारण था कि उसका राज्य स्वर्णमयी था और कभी कमी नहीं रही।
  2. ॐ श्रीं आदिलक्ष्म्यै नमः
  3. यह रूप आत्मविश्वास, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। वैज्ञानिक दृष्टि से: ध्यान, प्रार्थना और सकारात्मक सोच से मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन संतुलित होते हैं — जिससे जीवन में स्थिरता आती है।
  4. अष्टलक्ष्मी का गुप्त रहस्य और धन, बुद्धि-शुद्धि-समृद्धि-सिद्धि और सौभाग्य का ब्रह्मास्त्र!
  5. आप हैरान होंगे जानकर कि अष्टलक्ष्मी का रहस्य सिर्फ़ भक्तों ने नहीं, बल्कि तांत्रिक और विद्वान राजा रावण ने भी खोजा था।
  6. कहा जाता है कि समृद्धि के ये 8 रूप ब्रह्मांड में ऊर्जा के आठ चक्रों से जुड़े हुए हैं। जो साधक इनका सम्मान करता है, उसके जीवन में धन, बुद्धि और सौभाग्य एक साथ जागृत हो जाते हैं।

आदि लक्ष्मी! धर्म और मोक्ष की संरक्षिका

  1. !!ॐ श्रीं आदिलक्ष्म्यै नमः!! यह रूप साधक को मानसिक शांति, आत्मविश्वास और धर्म के पथ पर चलने की शक्ति देती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से यह आध्यात्मिक हार्मोनी को जगाने वाला चरण माना जाता है।

धान्य लक्ष्मी! पोषण और अन्न की अधिष्ठात्री

  1. !!ॐ ह्रीं धान्यलक्ष्म्यै नमः!! ये शरीर के वाइटल एनर्जी को संतुलित करती हैं। माना जाता है जिस घर में अन्न का सम्मान होता है, वहां दरिद्रता का प्रवेश नहीं होता।

धैर्य लक्ष्मी! साहस और पराक्रम की शक्ति

  1. !!ॐ क्लीं धैर्यलक्ष्म्यै नमः!! तनाव और भय के समय में यह रूप इंसान को दृढ़ बनाता है। वैज्ञानिक रूप से यह ‘फाइट ऑर फ्लाइट’ हार्मोन को पॉज़िटिव दिशा देता है।

गज लक्ष्मी! ऐश्वर्य और पशुधन की प्रतीक

  1. !!ॐ श्रीं गजलक्ष्म्यै नमः!! यह रूप जीवन में भौतिक समृद्धि और वैभव के साथ दयालुता और संरक्षण की भावना को भी जागृत करता है।

संतान लक्ष्मी! वंश वृद्धि और पारिवारिक सुख

  1. !!ॐ ह्रीं संतालनलक्ष्म्यै नमः!! कहा जाता है जहां परिवार में प्रेम और आदर होता है, वहां लक्ष्मी स्थिर रहती हैं।

विजया लक्ष्मी- विजय और आत्मविश्वास की देवी

  1. !!ॐ क्लीं विजायलक्ष्म्यै नमः!!

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से

  1. हर लक्ष्मी रूप एक भावनात्मक और न्यूरोलॉजिकल ऊर्जा केंद्र से जुड़ा है। मंत्र और प्रतीक के ज़रिए साधक मस्तिष्क में पॉज़िटिव वाइब्रेशन उत्पन्न करता है। इससे मन शांत, एकाग्र और कर्म सक्रिय होते हैं — और यही सफलता का गुप्त फॉर्मूला है।

अष्ट लक्ष्मी का सरल साधना उपाय

  1. प्रतिदिन सुबह 8 दीपक Raahukey oil के जलाकर अष्टलक्ष्मी का नाम स्मरण करें।
  2. शुक्रवार को !!ह्रीं श्रीं क्लीं!! बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। धन और ज्ञान में संतुलन बनाए रखें।

लक्ष्मीः स्थिरा भव गृहेषु मम सर्वदा।

ह्रीं श्रीं क्लीं मन्त्रेण सिद्धिः शुभदा भवतु॥

  1. मनुष्य को चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा देती हैं। यह सफलता की ऊर्जा का प्रतीक है।

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