भूलकर भी न लगायें लिंग पर सरसों का तेल! सारा खेल ख़त्म हो जाएगा! रेल नहीं चला पाओगे!

  1. सरसों तेल के भयंकर नुकसान (Medical Side Effects)
  2. त्वचा में जलन और सूजन (Irritation & Inflammation) सरसों के तेल में allyl isothiocyanate नामक तत्व होता है, जो संवेदनशील त्वचा पर जलन पैदा करता है।
  3. इससे लालपन, फफोले, या जलन जैसी चोटें हो सकती हैं।
  4. त्वचा का काला पड़ना या पतलापन (Pigmentation Damage) लगातार लगाने से त्वचा की ऊपरी परत कमजोर होकर गहरी रंगत ले लेती है जिससे पेनिस पर Burn marks जैसे दाग पड़ सकते हैं।
  5. संवेदनशील नसों को नुकसान
  6. जननांगों की त्वचा में सूक्ष्म नसें होती हैं।
  7. सरसों के तेल की तीव्रता इन नसों को सुन्न या क्षतिग्रस्त कर सकती है! इससे संवेदना कम होना या दर्द होना संभव है।
  8. संक्रमण का खतरा (Infection Risk)
  9. सरसों का तेल छिद्रों को बंद कर देता है, जिससे fungal या bacterial infection बढ़ सकते हैं।
  10. कई मामलों में balanitis या त्वचा पर दाने उत्पन्न हो जाते हैं।
  11. शुक्राणु गुणवत्ता पर प्रभाव
  12. वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि तेलों के कुछ घटक testicular heat बढ़ाकर शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता घटा सकते हैं।
  13. त्वचा फटने और सूजन से स्थायी नुकसान:
  14. बार-बार रगड़ या गलत दिशा में मालिश करने से
  15. micro-tears और fibrosis (skin hardening) हो सकता है जिससे स्थायी दर्द या curvature (मुड़ाव) जैसी समस्या हो सकती है।
  16. लिंग को किंग बनाने का यदि उद्देश्य रक्त प्रवाह बढ़ाना या कमजोरी दूर करना है, तो केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा बताए गए मृदु हर्बल तेल (जैसे तिल या बादाम आधारित) का उपयोग ही उचित है! वह भी बहुत कम मात्रा में और बाहरी त्वचा पर ही।

द्रव्यगुण विज्ञान की आयुर्वेदिक चेतावनी

तीक्ष्णं तैलं न योज्यं स्यात्, गुप्ताङ्गे विशेषतः।

वातपीडां निवार्येत्, शीतलेन मृदुना शुभम्॥

  1. अर्थात-तीखे तेल गुप्तांगों पर नहीं लगाने चाहिए; शीतल, मृदु तेल ही हितकारी है।

  2. एक बार सात दिन के लिए Bferal gold oil का उपयोग करके देखें! इसका कॉम्बो भी आता है, जो बेहतरीन बाजीकरण औषधि है! 
  3. ७ दिन तक नियमित रात्रि को तेल लगाने के बाद पार्टनर के साथ सोने की कोशिश न करे! हो सके, तो लिंग पर तेल लगाने के बाद ऊपर पान का पत्ता लपेट कर रात भर रखें! 
  4. BFeral बीबी की लात खाने से बचाने में अत्यन्त लाभप्रद औषधि तेल है! रही बात सरसों के तेल की, तो आयुर्वेद में इसकी तासीर ठंडी बताई है! इसलिए इसे लगाना उचित न होगा! 
  5. सरसों का तेल परंपरागत रूप से शरीर की त्वचा और जोड़ों पर मालिश के लिए उपयोग होता है, परंतु लिंग या जननांगों पर इसका नियमित प्रयोग वैज्ञानिक दृष्टि से हानिकारक माना गया है।

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