ख़ूबसूरती स्त्री की आँख और फाँख में नहीं हमारी दृष्टि में होती है-
पहली बात, तो ये है कि भारत में बेशुमार नारी सौंदर्य उत्पाद जो आयुर्वेदिक के नाम से बेचे जा रहे हैं और बनाये जाते हैं खतरनाक केमिकल द्वारा! जनता सुंदरता बढ़ाने के लिए बिना जाने समझे, बिना फ़ार्मूला पढ़े इस्तेमाल कर रही है! सौंदर्य क्या है? मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः। अर्थात- मन ही बंधन और मुक्ति का कारण है। सौंदर्य वह नहीं जो दिखे, वह है जो जागृति दे। अर्थात् आकृति नहीं, भावना सुंदर होती है। मीराबाई का प्रेम सुंदर था, न कि उनका श्रृंगार। राम का त्याग सुंदर था, न कि उनका मुकुट। राम का सौंदर्य उनके मुखमंडल में नहीं, बल्कि उनके वचन, करुणा और मर्यादा में था। मीराबाई का सौंदर्य उनके वस्त्रों में नहीं, बल्कि भक्ति में था, जो कृष्ण तक पहुँची। देखा जाए, तो कोई भी वस्तु सुंदर नहीं होती, दृष्टि सुंदर होती है। अब बेचारा आम आदमी सोच में पड़ जाता है कि अगर सबकी दृष्टि अलग-अलग है, तो सुंदरता की दुकान कौन चला रहा है? भारत सहित विदेशों में एक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट नारी सौंदर्य माल्ट नाम का उत्पाद तेजी से वायरल होकर अथाह बिक रहा है! क्योंकि इसकी मार्केटिंग का तरीका विचित्र है! ये ब्रा...