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Showing posts from October, 2025

दाल की दरियादिली अमृतम पत्रिका, ग्वालियर मई 2008 से साभार

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जहाँ डाल-डाल पर, सोने की चिडिया करती बिखेरा-उस भारत में डाल-डाल पर डकैत और डसने वाले नागों बसेरा है। भारत में भ्रष्टाचार का ऐसा भांगड़ा चल रहा है। सभी आश्चर्य चकित हैं! जब डाल-डाल पर डाकू विराजमान हों, तो आद‌मी का दाल-रोटी खा पाना कैसे संभव है? भारत की विशेषता है यहाँ हरा आविष्कार कम चमत्कार ज़्यादा होते हैं! सन्त महात्मा, कथावाचक, ज्योतिषियों आदि का भरपूर है। भगवान और भक्तों से भरे भारत देश में कथावाचक, भरपूर में दाल-रोटी न मिलने से आत्महत्या करता है! गरीब को बिटिया बेचनी पड़ती है। योग्य विद्वान मेहनती छात्र आर्थिक तंगी और परिवार की दाल रोटी चलाने के चक्कर में विधाअध्ययन स्थगित कर छोटे मोटे काम या नोकरी करने पर विवश हो जाता है! महंगाई, मक्कारी, मक्खन बाजी ने मनुष्य के मन को छिन्न- भिन्न कर दिया है! रोज खाने बाली दाल का यह हाल है कि साल में सात बार भाव बढ़ते हैं। कहते थे कि दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ।महंगाई के कारण दाल दगाबाज हो गई है! दालेन जीवनं नित्यं, दालेनैव तृप्तता। यो न जानाति दालस्य भावं, सः रसहीनकः॥ अर्थात -जो दाल का भाव नहीं समझता, वह जीवन के रस से वंचित रहता है! नटराज का ...

Ayurvedic Solution For Women Above 40 Year | Nari 40+ Malt

नारी सौंदर्य माल्ट ४०+ बेहतरीन स्वाद के साथ, अमृतम ने किया ईजाद, जो देगा चालीस के बाद शरीर को खाद! फिर बीमारियां याद ही नहीं आयेंगी! जब नारी ४० की होती है, तो शरीर कहता है-थोड़ा आराम चाहिए और मन कहता है, अभी तो जिंदगी शुरूआत है! इसी तन-मन की ट्यूनिंग को संतुलित करने के लिए amrutam ने बनाया है- नारी सौंदर्य माल्ट 40+, जो विशेष रूप से नष्टार्तव (Menopause) और ४०+ आयु की महिलाओं के लिए वरदान है। नारी सौन्दर्यमायाति, यदा माल्टं पिबेत् सदा। न तस्या क्लान्तिर्भवति, न च रजोविकारदाः॥ अर्थात-जो नारी नित्य सौंदर्य माल्ट ग्रहण करती है, उसे न थकान होती है, न रजोनिवृत्ति के विकार सताते हैं! क्या है नष्टार्तव (Menopause)? सुश्रुत संहिता में कहा गया है यदा स्त्रीणां रजो न भवति, तदा वातप्रकोपेन दोषाः सर्वे भवन्ति। अर्थात जब स्त्रियों में रजोनिवृत्ति होती है, तब वातदोष, ग्रन्थिशोथ यानी थायरायड जैसे विकार बढ़ जाते हैं और शरीर में अनेक रोग उत्पन्न होते हैं। चालीस के बाद सुन्दरता बनाये रखने के लिए देह को प्राकृतिक खाद जरूरी है! इस अवस्था मेंगर्मी, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी, हार्मोन असंतुलन, बाल झड़ना, और ...

DENTKEY Manjan और माल्ट दांतों की चमक + आंतों की सफाई = खुशदिल, ताजगीभरा, जवां जीवन!

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दांत- शरीर का वो हिस्सा, जो बोलता नहीं! पर सब बता देता है! सुश्रुत संहिता में कहा गया है- दन्ताः शरीरस्य द्वारं, यत्र शुद्धं तत्र आरोग्यम्। दांत शरीर का द्वार हैं। जब ये स्वच्छ रहते हैं, तब पूरा शरीर स्वस्थ रहता है! शरीरं शुद्धमायाति दन्तेषु यः प्रयत्नवान्। तस्य दीर्घं च आयुष्यं, रूपं चाविकृतं भवेत्॥ अर्थात-जो लोग दांतों की शुद्धि और आंत की स्वच्छता रखते हैं! उसका जीवन दीर्घ और रूप अपरिवर्तित रहता है! अगर अब भी दांत पीले हैं और पेट भारी, तो बुढ़ापा दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है भाई!Amrutam Malt और Dentkey मंजन का साथ पकड़ो और जिंदगी से बुढ़ापा अलविदा करो! बुजुर्ग कहानी कहते थे कि जवानी में जिसके दाँत में पानी लगने लगे, तो समझो पायरिया होने वाला है! इससे दाँत और दाँढ़ पोले होकर जल्दी टूट जाते हैं। फिर, बुढ़ापे में दाल-दलिया, सानी करके भी नहीं खा पाता! दिलवर जानी यानि पत्नी ठीक से बात भी नहीं समझ पाती आयुर्वेद कहता है-जिसके दांत साफ, उसकी आंत मजबूत। और जब दांत और आंत दोनों साथ निभाएँ, तो बुढ़ापा पास आने से पहले रास्ता बदल लेता है! पुरुषों और महिलाओं के लिए चमत्कारी लाभ पुरुषों में: ७० तक ...

सफलता बढ़ाने का वैदिक रहस्य। राहु काल शिवलिंग निर्माण, अष्ट सिद्धि साधना, त्रिकोण शिवलिंग लाभ, राहु काल पूजा, शिव सिद्धि रहस्य राहु काल का अर्थ है- रहस्य और परिवर्तन का समय!

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राहु काल में ध्यान और मिट्टी से निर्माण माइंडफुल एक्टिविटी के रूप में काम करता है सेरोटोनिन और डोपामिन हार्मोन बढ़ाता है! मन को अल्फा ब्रेनवेव्स की अवस्था में लाता है। मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्रदान करता है। राहु काल में त्रिकोण शिवलिंग निर्माण: अष्ट सिद्धि और सफलता का रहस्य जानिए राहु काल में त्रिकोण पार्थिव शिवलिंग बनाने की दुर्लभ आयुर्वेदिक-तांत्रिक विधि। अष्ट सिद्धि प्राप्त करने और जीवन में यदि इस समय में श्रद्धा और अनुशासनपूर्वक त्रिकोण पार्थिव शिवलिंग निर्माण किया जाए, तो अष्ट सिद्धियों के साथ भविष्य में अप्रत्याशित सफलता निश्चित प्राप्त होती है। शिवं विना न सिद्धिर्भवति, शिवं विना न शान्तिः।शिव पुराण राहु काल में अष्ट सिद्धि त्रिकोण शिवलिंग पार्थिव निर्माण का रहस्य भय, तनाव और मानसिक भ्रम दूर होकर निर्णय शक्ति और एकाग्रता में वृद्धि और आर्थिक स्थिरता और कार्यक्षेत्र में तेजी से उन्नति तथा तंत्र-सिद्धि, ध्यान-सिद्धि, और करियर में चमत्कारी सफलता के लिए शिवे रुष्टे गुरुस्त्राता, गुरौ रुष्टे न कश्चन। तस्मात् शिवं सदा ध्यायेत्, सिद्धिर्भवति निश्चितम्॥ स्रोत: brainkey.in | amrutam...

रोज़ रोज़ के रोजा से मुक्ति पाने का सरल इलाज

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Amrutam Zeo Malt – रोज़ का रोज़ा नहीं, रोज़ की ऊर्जा! भूखे रहो मत, पेट को प्रेम दो, क्योंकि पाचन ही प्रतिरक्षा की चाबी है। रोज़ रोज़ का रोजा रखने यानि भूखे रहने से घर की रोज़ी रोटी कैसे चलेगी! रोगों की फौज से अस्पताल में लॉज का आनंद तो मिल जाएगा, लेकिन तन में मन की प्रसन्नता नहीं आयेगी! २५ साल के अध्ययन अनुसंधान के बाद लिवर पेट की बीमारियों के लिए खोज कर amrutam zeo malt तैयार किया है जो ROSE के पुष्पों से निर्मित है! zeo malt गैस वायुविकार, अपचन, पेट का भारीपन, कब्ज़ आदि अनेक उदर रोग नाशक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है! अतियोगो हि भक्ष्याणां सर्वव्याधिनिदानकम्। योग्यं युक्तं हितं कालं भोजनं परिकीर्तितम्॥ (चरकसंहिता) अर्थात् -अत्यधिक या अत्यल्प भोजन, दोनों ही रोगों का कारण बनते हैं। समय पर और उचित मात्रा में लिया गया भोजन ही अमृत है। अष्टांग हृदय ग्रन्थ के अनुसार अब भूख की नहीं, संतुलन की ज़रूरत है रोज़-रोज़ का रोज़ा रखने यानि भूखे रहने से घर की रोज़ी रोटी कैसे चलेगी! हाँ, थोड़ी देर का उपवास आत्मशक्ति बढ़ाता है, लेकिन अधिक भूख शरीर को रोगों की सेना सौंप देती है। भेषज्य रत्नावली में भूख मिटाने...

रोज़ रोज़ के रोज़ से मुक्ति पाने का सरल इलाज

Amrutam Zeo Malt – रोज़ का रोज़ा नहीं, रोज़ की ऊर्जा! भूखे रहो मत, पेट को प्रेम दो, क्योंकि पाचन ही प्रतिरक्षा की चाबी है।” रोज़ रोज़ का रोजा रखने यानि भूखे रहने से घर की रोज़ी रोटी कैसे चलेगी! रोगों की फौज से अस्पताल में लॉज का आनंद तो मिल जाएगा, लेकिन तन में मन की प्रसन्नता नहीं आयेगी! २५ साल के अध्ययन अनुसंधान के बाद लिवर पेट की बीमारियों के लिए खोज कर amrutam zeo malt तैयार किया है जो ROSE के पुष्पों से निर्मित है! zeo malt गैस वायुविकार, अपचन, पेट का भारीपन, कब्ज़ आदि अनेक उदर रोग नाशक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है! अतियोगो हि भक्ष्याणां सर्वव्याधिनिदानकम्। योग्यं युक्तं हितं कालं भोजनं परिकीर्तितम्॥ (चरकसंहिता) अर्थात् -अत्यधिक या अत्यल्प भोजन, दोनों ही रोगों का कारण बनते हैं। समय पर और उचित मात्रा में लिया गया भोजन ही अमृत है। अष्टांग हृदय ग्रन्थ के अनुसार अब भूख की नहीं, संतुलन की ज़रूरत है रोज़-रोज़ का रोज़ा रखने यानि भूखे रहने से घर की रोज़ी रोटी कैसे चलेगी! हाँ, थोड़ी देर का उपवास आत्मशक्ति बढ़ाता है, लेकिन अधिक भूख शरीर को रोगों की सेना सौंप देती है। भेषज्य रत्नावली में भूख मिटान...

आजकल प्यार कम शिकार ज़्यादा हो रहे हैं! प्रेम के नाम पर विवाह पूर्व त्योहार मनाना ठीक नहीं-

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प्यार- प्रेम करने वाले ही इश्क़ की बाते ठीक से लिख सकते हैं! पूरा पढ़ो! बहुत मजा आयेगा! हम जिसे प्यार करते थे उससे जीवन भर कुछ कह ही नहीं पाये! सच्चे प्यार में इतनी हिम्मत नहीं होती! एक बार एक भंडारे में अचानक खाना खिलाते दिख गई! नयन मिलकर नम हो गए! उसके भी और हमारे भी! वो दाल लेकर जब पास आई तो मन बहुत भावुक था! रजनी मिली भी तो एक भंडारे में! फिर, उससे दिल माँगते या दाल!! रजनी की गाली से जब भी निकलते, तो सोचते कि बस, एक बार दिख जाए! भाव ये नहीं था कि उसकी तली देखना है! बस खिलखिलाती कली देखने का मन करता था! प्यार भी परमात्मा जैसा ध्यान की होता है! पास कुछ नहीं बचता! दिखावे के चक्कर में भयंकर उधड़ी भी बढ़ जाती है! एक दिन उसके लिए लिख ही दिया! ये शायरी हमारे दोस्तों में बहुत प्रसिद्ध भी हुई थी कि- तुम्हारी गली से गुजरते तो कैसे, तगड़ी उधड़ी थी तुम्हारी गली में मोहब्बत की कैपिटल लुटाते-लुटाते, हो गए हैं भिखारी तुम्हारी गली में!! कविता बहुत लंबी है! प्यार के 10 वैज्ञानिक और धार्मिक संकेत कि लड़की दिल दे चुकी है या नहीं? विज्ञान कहता है- प्यार एक केमिकल रिएक्शन है।धर्म कहता है -प्यार ईश्वर क...

साधु-संत- सन्यासी और महात्माओं का रहस्य क्या है

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मुण्डकोपनिषद् १.२.११ के अनुसार  संन्यासी (Sannyāsī) कौन है?  संन्यास का अर्थ है- !!सर्वं न्यस्यति इति संन्यासी!! अर्थात् जो सब कुछ छोड़ देता है- देह, धन, परिवार, अहंकार, इच्छा और भय तक। परिक्ष्य लोकान् कर्मचितान् ब्राह्मणो निर्वेदमायात्।नास्त्यकृतः कृतेन॥ जब ज्ञानी मनुष्य देखता है कि कर्मों से आत्मसिद्धि नहीं होती, तब वह वैराग्य लेकर संन्यास ग्रहण करता है। संन्यासी वह है जिसकी मस्तिष्क तरंगें (EEG) अत्यंत स्थिर, अल्फ़ा व गामा वेव्स में होती हैं। वह बाहरी दुनिया के तनाव से मुक्त होकर parasympathetic nervous system को सक्रिय रखता है! जिससे शरीर में हार्मोनल संतुलन, प्रतिरक्षा शक्ति और मानसिक शांति बनी रहती है। साधु (Sādhu) साधु शब्द  साध  धातु से बना है, जो साधना करता है। जिसने सबको साध लिया! दस इंद्रियाँ साधु के वश में होती हैं! साधते इति साधवः। जो व्यक्ति ईश्वर या आत्मा की साधना में रत है, वह साधु है। वह गृहस्थ भी हो सकता है। (गीता ९.३०): अपि चेत्सुदुराचारो भक्तो मामनन्यभाक्। साधुरेव स मन्तव्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः॥ कोई पापी भी एकनिष्ठ भक्ति करता है तो वह साधु कहलाता...

रावण द्वारा लगाया गए पेड़ पर सात रंग इंद्रधनुष की तरह होते हैं!

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आयुर्वेद, तंत्र-मन्त्र, ज्योतिष, कला जादू, भेषज्य विज्ञान, आकाशीय विद्या, सिद्धि समृद्धि, युद्ध ज्ञान आदि अनेक कला और रहस्यों का ज्ञात रावण को उत्तर भारत के कथावाचकों ने बुरी तरह बदनाम और कालकिंत कर दिया! अंधभक्तों ने भी कभी कोई खोज नहीं की न दिमाग दौड़ाया! जबकि रावण राहु का ही अवतार है! रावण को गाली देने वाले राहु से पीड़ित होकर बृहद हो जाते हैं! रावण: शिवभक्त, वैद्य और वनस्पति वैज्ञानिक था वृक्ष सहिंता के अनुसार श्री दशानन ने क़रीब १००८ पेड़-पौधों की खोज की थी और अनेक जड़ी बूटियों के फायदे जाने! ऐसा ही लाखों साल पुराना विशाल वृक्ष आज भी पुलत्स्य आश्रम में खड़ा है चमत्कारी और रहस्यमयी दुर्लभ पेड़ रावण अम्लिका (Adansonia digitata / Baobab tree) इंद्रधनुषी सप्त रंगों से लबालब रहता है वैदिक-ऐतिहासिक, बल्कि वनस्पति-विज्ञान और तंत्रज्ञान दोनों दृष्टियों से अद्भुत है। रावण की वैज्ञानिक दृष्टि रावण ने केवल तप और तंत्र नहीं किए, बल्कि वनस्पति आनुवंशिकी (Plant Genetics) की समझ भी रखी। उन्होंने अफ्रीका के औषधीय पौधों को लंका में लगाया, ताकि उष्णकटिबंधीय जलवायु में भी औषधीय संतुलन बना रहे। आज भी...

घरेलू स्किन बर्न फ़र्स्ट एड किट

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दिवाली पर फटाके, बारूद या दिए की आग से रात काली भी हो सकती है! अमृतम आयुर्वेद टिप्स- रतनजोत नारियल! तेल से जलन और फफोले गायब आयुर्वेदिक ज्ञान, प्राचीन लोकनुस्खे और प्राकृतिक उपचार कैसे बनाएं खोपरा रतनजोत तेल घर पर: १०० ग्राम शुद्ध शुध्द नारियल तेल ७ ग्राम रतनजोत तेल डालकर हल्की आँच पर गरम करें। जब तेल लाल रंग का हो जाए, तो ठंडा करके छान लें और साफ़ शीशी में भर लें। बस आपका amrutam BURNKEY OIL तेल तैयार है!  अग्निदग्धं यदा देहं, रतनजोतं ततोऽञ्जयेत्। तस्य दाहो न भवति, चिह्नं च न दृश्यते॥ अर्थात-जो पीड़ित अग्निदग्ध व्यक्ति जलने पर रतनजोत तेल लगाए, उसे न जलन होती है, न निशान रह जाते हैं। प्रयोग विधि आग या फटाके जल जाएँ या किसी को जलन, फफोले या स्किन बर्न लगे जले हुए स्थान को ठंडे पानी से धोकर इस तेल की कुछ बूँदें लगाएँ। तुरंत चमत्कारी लाभ होगा- • जलन शांत • फफोले नहीं बनते • निशान नहीं पड़ते • त्वचा का प्राकृतिक रंग लौट आता है आयुर्वेदिक निघंटु रहस्य रतनजोत (Arnebia euchroma) में Alkannin नामक प्राकृतिक रंगद्रव्य होता है, जो एंटीसेप्टिक, एंटीबर्न और स्किन रीजेनेरेटिव है। नारियल तेल ठंड...

अश्वगंधा के अलावा भी ये चार जड़ी बूटियाँ दस घोड़ों की ताक़त रखती हैं जाने रहस्य और चमत्कार

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केवल अश्वगंधा ही नहीं, बल्कि शिलाजीत, मूसली, गोखरू, कौंच और विदारीकंद जैसी जड़ी-बूटियाँ भी शरीर, वीर्य और आत्मबल को “घोड़ों की शक्ति” प्रदान करती हैं। इनका सही प्रयोग आयुर्वेदाचार्य की सलाह से करने पर यह शरीर को तन-मन से योद्धा बना देती हैं। स्रोत एवं श्रेय: brainkey.in | amrutampatrika.com जहाँ प्राचीन औषधि और आधुनिक विज्ञान का संगम होता है भारत की जनता ने अश्वगंधा को ज़्यादा प्रसिद्ध कर दिया! इसके अलावा अनेक बूटी हैं, जो खूँटी को हिलाने की ताक़त रखती हैं! यहाँ लोग जिस चीज के पीछे पद जाएँ उसे शून्य से शिखर पर पहुँचा देते है! मौक़ा लगने पर चील के मूत को मील का पत्थर साबित कर दें! इसीलिए तो हिंदुस्तान महान है!  दुनिया सहित भारत में अश्वगंधा का नाम तो सब जानते हैं, पर हमारे आयुर्वेदिक ग्रंथों में ऐसी अनेक जड़ी-बूटियाँ हैं जो शरीर को  दस घोड़ों की ताक़त  देने की क्षमता रखती हैं! तो आइए आज जानते हैं-अश्वगंधा के अलावा चार सबसे शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के रहस्य, जो शरीर, मन और वीर्य तीनों को बलशाली बनाती हैं। अश्वगंधा के अलावा भारत की चार सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटियाँ ह...

नारियल पानी न केवल प्यास बुझाता है, बल्कि मन, शरीर और आत्मा -तीनों को तरोताज़ा करता है। यह प्रकृति की ऐसी भेंट है जो दवा भी है और दावत भी!

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नारियल पानी -धरती का प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक है! नारियल पानी को अंग्रेज़ी में कहते हैं Coconut Water और इसे डॉक्टर Natural IV Fluid कहते हैं, क्योंकि इसमें वो सब तत्व हैं जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं! पोटैशियम सोडियम मैग्नीशियम कैल्शियम ग्लूकोज इसलिए जब शरीर में पानी या लवण की कमी हो जैसे उल्टी, दस्त, लू, बुखार में तो नारियल पानी तुरंत ऊर्जा और संतुलन लौटाता है। आयुर्वेद कहता है – ये अमृत तुल्य जल है नारिकेलोदकं शीतलं, तृष्णा पित्तज विकारहृत्। यह शीतल है और पित्त से जुड़ी सभी बीमारियाँ दूर करता है। नारियल, नारिकेल, खोपरा, श्रीफल को आयुर्वेद में अमृत बताया है! नारियल सिर्फ फल नहीं! यह देवताओं का आशीर्वाद, शरीर का टॉनिक और मन की शांति का प्रतीक है। अथ नारिकेलः (नारियल) तन्नामानि तत्फलसाधारणगुणाँश्चाह नारिकेलो दृढफलो लाङ्गली कूर्चशीर्षकः। तुङ्गः स्कन्धफलश्चैव तृणराजः सदाफलः!! नारिकेलफलं शीतं दुर्जरं वस्तिशोधनम्। विष्टम्भि वृंहणं बल्यं वातपित्तास्त्रदाहजुन् ॥३९॥ नारियल के संस्कृत नाम नारिकेल, दृढफल, लाङ्गली, कूर्चशीर्षक तुङ्ग, स्कन्धफल, तृणराज तथा सदाफल ये सब है। चाहे पूजा की थाली म...

महिलाओं की नींद, शक्ति और स्मृति के लिए अद्भुत आयुर्वेदिक टॉनिक

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आजकल रात्रि में नींद न आने की सबसे ज़्यादा समस्या महिलाओं को है! क्योंकि वे हर बात को बहुत ही गहराई से सोचती हैं! भविष्य की चिंता भी उन्हें रोग से ग्रसित कर जल्दी चिता जलवा देती है! Brainkey Gold Malt तनाव, थकान और थायराइड का प्राकृतिक समाधान! महिलाओं की नींद, शक्ति और स्मृति के लिए अद्भुत आयुर्वेदिक टॉनिक  ब्रेनकी गोल्ड माल्ट क्या है? एक पूर्णतः आयुर्वेदिक मस्तिष्क और हार्मोनल टॉनिक है, जो दिनभर की थकान, तनाव, अनिद्रा और हार्मोनल असंतुलन को मिटाकर शरीर, मन और आत्मा तीनों को पुनः जीवंत करता है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए तैयार किया गया है जो रात में नींद न आने, हार्मोनल बदलाव, चिड़चिड़ेपन या थायराइड की समस्या से जूझ रही हैं। ब्राह्मी स्मृतिप्रदा नारी, मनःशान्तिकरी परा। ब्राह्मी स्मृति और शांति दोनों प्रदान करती है। शंखपुष्पी (Convolvulus pluricaulis) नींद और तंत्रिका तंत्र की सर्वोत्तम औषधि मानसिक उत्तेजना कम कर Mood Stabilizer की तरह काम करती है। जटामांसी (Nardostachys jatamansi) अनिद्रा और बेचैनी में अमृत समान। सेरोटोनिन स्तर बढ़ाकर नींद स्वाभाविक बनाती है। नारी जातक के अ...